राममंदिर निर्माण शुरू होने से संतों में उत्साह
संवाद सहयोगी मथुरा अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तो तीर्थनगरी में संतों में खुशी की लहर दौड़ गई। मंदिर निर्माण की शुरुआत होने पर संतों ने इसे जीवन के सबसे बड़े सपने के पूरा होने जैसा बताया।
संवाद सहयोगी, मथुरा : अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तो तीर्थनगरी में संतों में खुशी की लहर दौड़ गई। मंदिर निर्माण की शुरुआत होने पर संतों ने इसे जीवन के सबसे बड़े सपने के पूरा होने जैसा बताया। श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़े संतों ने कहा कि लंबी लड़ाई के बाद मिली जीत में राष्ट्र के साथ सनातन धर्म का भी मान बढ़ा है।
दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा श्रीरामजन्मभूमि निर्माण का रास्ता साफ करने के बाद केंद्र सरकार द्वारा गठित श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया है। श्रीराम मंदिर निर्माण की शुरुआत होते ही संत, महंत और सनातनधर्मियों में उल्लास छाया है। हालांकि कोरोना महामारी के समय उत्साह का प्रदर्शन करना संत, महंत और सनातनधर्मी उचित समय नहीं मान रहे, लेकिन वे अपने जीवन के सबसे बड़े सपने को सफल होते देख रहे हैं। संतों ने कहा कि दशकों लंबी लड़ाई के बाद उनके आराध्य भगवान श्रीराम को जन्मभूमि में भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान होने का अवसर मिला। इनका कहना है
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम अब अपने दिव्य और भव्य मंदिर में विराजमान होकर भक्तों का कल्याण करेंगे। ये सपना हमने सात दशक पहले देखा था। आंदोलन भी किया आज सपना पूरी होते देख मन में उल्लास है।
-महंत फूलडोल बिहारी दास, चैतन्य कुटी, वृंदावन। अयोध्या में भगवान श्रीराम का दिव्य और भव्य मंदिर पहले ही था आज उसे आकर्षक रूप दिया जा रहा है। हम इसके लिए शुरूआत से ही मांग कर रहे थे। खैर, अब अदालत ने भी अपना निर्णय दिया। अब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम अपने भवन में विराजित होंगे।
-अनंतानंदद्वाराचार्य जगद्गुरु महंत रामकमल दास वेदांती। भगवान श्रीराम का मंदिर नए रूप में नजर आएगा। अयोध्या उनकी जन्मभूमि है मंदिर निर्माण उन शहीद कारसेवकों की हमेशा याद दिलाएगा, जिन्होंने श्रीराम के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
-कािर्ष्ण नागेंद्रदत्त महाराज, मोतीझील। भगवान श्रीराम लंबे समय से टेंट में बैठे थे, तो सनातनधर्मियों को बड़ा दुख होता था। अब जल्द ही भगवान अपने महल में बैठेंगे तो हर सनातनधर्मी उल्लास में नजर आएगा।
-महामंडलेश्वर नवल गिरि।