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कंपनी नहीं कर रही सप्लाई, बाजार में दवाओं का संकट

कोरोना वायरस से दो-दो हाथ करने वाले टेबलेट और इंजेक्शन का अभाव जल्द शुरू नहीं हुई सप्लाई तो आने वाले दिनों में नहीं मिल पाएगी पैरासीटामोल

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 05:07 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 05:07 AM (IST)
कंपनी नहीं कर रही सप्लाई, बाजार में दवाओं का संकट
कंपनी नहीं कर रही सप्लाई, बाजार में दवाओं का संकट

जागरण संवाददाता, मथुरा: सर्दी, बुखार से छुटकारा पाने के लिए काम में आने वाली दवाओं का बाजार में संकट है। कंपनियों ने 50 फीसद तक सप्लाई में गिरावट कर दी है। इससे फुटकर मेडिकल स्टोर के साथ ही थोक विक्रेताओं के यहां दवा नहीं मिल पा रही है। इससे बाजार में दवाओं की काला बाजारी शुरू हो रही है। यहीं हाल रहा तो आठ से दस दिन में दवाओं का अभाव हो जाएगा।

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अभी तक जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों को आक्सीजन गैस और रेमडेसिविर इंजेक्शन के अभाव से गुजरना पड़ रहा था। लेकिन अब शहर में हालात गंभीर होते जा रहे हैं। कोरोना से दो-दो हाथ करने के लिए जरूरत पड़ने वाली टेबलेट का स्टाक खत्म होता जा रहा है। थोक विक्रेताओं का कहना है कि कंपनी उन्हें सप्लाई नहीं दे रही है, जबकि उन्होंने एडवांस में बुकिग कर रखी है। 15 दिन से अधिक का समय हो गया है। आगरा को दवा सप्लाई हो रही है, लेकिन मथुरा को होने वाली कुल सप्लाई में से 50 फीसद कमी आई है। इसका असर अब बाजार में दिखाई देने लगा है। टेबलेट महंगी हो गई है। जानकारों का कहना है कि कुछ दवा विक्रेता स्टाक कर रहे हैं। वह अपनी मनमर्जी से रुपये वसूलकर टेबलेट की बिक्री कर रहे हैं। - बाजार में नहीं है ये दवा

एंजीथोमाइसिन

इमरमेक्टिव

लिमसे

रेमडेसिविर

पैरासीटामोल - 450 का आक्सीमीटर मिल रहा 1200 रुपये में-

राया के गांव खरबा निवासी संदीप ने बताया कि जब वह आक्सीमीटर लेने होलीगेट स्थित एक मेडिकल स्टोर पर पहुंचे तो वहां एक आक्सीमीटर के 1200 रुपये मांगे गए, जबकि अभी एक सप्ताह पहले कीमत 450 रुपये थी। मास्क और सैनिटाइजर पर एक बार फिर कालाबाजारी शुरू हो गई है। कुछ रेट थोक में बढ़े हैं और कुछ फुटकर वालों ने बढ़ा लिए हैं। - दस टन आक्सीजन की पड़ रही जरूरत:

औषधि निरीक्षक अनिल आनंद का कहना है कि आम दिनों में जिले में दो टन आक्सीजन से काम चलता था, लेकिन संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही जिले में दस टन आक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। रोज एक आक्सीजन की गाड़ी का जुगाड़ करना पड़ रहा है। उधर, होम आइसोलेट मरीज किसी भी तरह की कोई परेशानी होने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए आक्सीजन सिलिडर की व्यवस्था कर रहे हैं।

- आम आदमी भी कर रहा दवा का स्टाक-

कोरोना संक्रमण की पहली लहर में लोगों को टेबलेट और इंजेक्शन तक के लिए लाइन में लगना पड़ा था। इसलिए रूटीन में दवा खाने वाले लोगों ने संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही दवाओं का स्टाक कर लिया है। लोगों ने पैरासीटामोल, विटामिन सी, मल्टीविटामिन आदि की टेबलेट को थोक के भाव में खरीद लिया है। इसके अलावा शुगर, बीपी, पेन किलर आदि की टेबलेट का भी दो से तीन माह का स्टाक कर लिया है।

- पिछले 15 दिन से दवा सप्लाई करने वाली कंपनियों में संपर्क में हूं। लेकिन कंपनी दवा उपलब्ध कराने को तैयार नहीं हैं। मथुरा के बजाए दवाओं की सप्लाई आगरा की जा रही है। हमारे यहां सर्दी, बुखार की दवाओं का भी स्टाक काफी कम रह गया है।

आशीष चतुर्वेदी, महामंत्री - केमिस्ट एसोसिएशन


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