जागरण संवाददाता: स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रदेश से आई कायाकल्प की दो सदस्यीय टीम को जिला अस्पताल में सफाई नहीं मिली। बिस्तरों की चादर नहीं बदली गई थीं और वार्डों में सफाई भी नहीं मिली। यह एजेंसी अस्पतालों की ग्रे¨डग करती है।
टीम ने जिला अस्पताल और महिला अस्पताल की साफ-सफाई को जांचा-परखा। टीम अस्पताल में सफाई के काम का ठेका लिए एजेंसी सन फैसलिटीज के काम से असंतुष्ट नजर आई। टीम ने वार्डों के निरीक्षण में पाया कि शनिवार को जिला अस्पताल में चादरें नहीं बदली गई। कायाकल्प के दूसरे चरण में 2017-18 के अवार्ड के लिए सरकारी अस्पतालों का चयन किया जाना है। इसके लिए साफ-सफाई सहित करीब 250 ¨बदुओं पर अस्पतालों की जांच कर उस पर नंबर दिए जाने हैं। इस मूल्यांकन में 70 फीसदी नंबर हासिल करने वाले अस्पताल को तीन लाख रुपये का पुरस्कार सरकार देगी। कायाकल्प टीम के सदस्य डॉ. मनीष खरे और आशीष ¨सह ने बताया कि सत्तर फीसद से ऊपर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाले अस्पताल को 31, 21 और 11 लाख का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। दो सदस्यीय टीम ने सफाई को लेकर सुझाव दिया कि अस्पताल को अपने स्तर से कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाए और ट्रेनर तैयार किए जाएं। सीएमएस डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि परिसर की स्वच्छता को लेकर टीम के सुझावों पर काम किया जाएगा।
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