स्वर, लय और ताल की त्रिवेणी पर झूमे संगीतप्रेमी
तबले की जुगलबंदी और ठुमरी ख्याल पर झंकृत हुआ पंडाल स्वामी हरिदास संगीत एवं नृत्य महोत्सव
वृंदावन, जासं। स्वामी हरिदास की भूमि पर जब शास्त्रीय संगीत के स्वर गूंजे तो संगीत प्रेमी खुद को ठगा सा महसूस करने लगे। स्वामी हरिदास संगीत एवं नृत्य महोत्सव के मंच पर लगा कि कृष्ण अपने बाल स्वरूप की लीला को साक्षात आ गए हों। ओडीसी नृत्य में सांवरे की लीला के दर्शन में मानो यमुना की लहरें अपने प्रिय के चरण छूने को मचल रही हैं। स्वर, लय और ताल की त्रिवेणी के महोत्सव में तबला की तबला से और कभी सितार पर जुगलबंदी से निकलते स्वर और राग-रागनियों का संगीत प्रेमियों ने जमकर लुत्फ उठाया।
बन महाराज कॉलेज परिसर में स्वामी हरिदास संगीत एवं नृत्य अकादमी द्वारा आयोजित स्वामी हरिदास संगीत एवं नृत्य महोत्सव में गुरुवार की शुरूआत ओडीसी नृत्यांगना गौरी द्विवेदी ने पुष्पांजलि अर्पित करते हुए भगवान विष्णु की वंदना शांताकारम भुजगनयनम की प्रस्तुति देने के बाद लगातार तीन प्रस्तुतियां भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं पर आधारित दीं। जब भगवान ने द्रोपदी के चीरहरण लीला, चीरघाट पर गोपियों का चीर हरण, भक्त प्रह्लाद को जब भगवान नृसिंह ने उन्हें बचाया और गज-ग्रहा की लीला का नृत्य के जरिए सुंदर वर्णन किया। तो दर्शन खुद को ठगा सा महसूस करने लगे। उन्होंने दशावतार लीला पर ओडीसी नृत्य के जरिए प्रस्तुति दी तो तालियों की गड़गड़ाहट से संगीतप्रेमियों ने उनका अभिवादन किया।
महोत्सव में शास्त्रीय गायक गुलशन टंडन ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा। टंडन ने ख्याल का गायन करते हुए भगवान के भजनों की शुरूआत की तो वातावरण झंकृत हो उठा। टंडन ने ख्याल में पालागंदे महाराज कुंवर की शुरूआत की तो माहौल में एकदम शांती छा गई। स्वरों के जादू ने हर संगीतप्रेमी को अपने आगोश में ले लिया। इसके बाद द्रुत ख्याल में टंडन ने आज मोरे घर आए बलमा. सुनाया तो तालियों की गड़गड़ाहट थमने का नाम नहीं ले रही थी।
समारोह में जब मंच पर तबला वादक अशोक पांडे आए तो उन्होंने अपनी अंगुलियों का जादू बिखेरा। तबले पर शास्त्रीय संगीत की धुन छेड़ते हुए पांडे ने जब सीताराम-सीताराम की लय निकाली तो तालियां गड़गड़ा उठीं। तबले की थाप और तालियों की गड़गड़ाहट से वातावरण गुंजायमान हो उठा। इसके साथ ही पांडे ने तबला वादक किशोर मिश्र के साथ जुगलबंदी की तो दर्शक खुद को ठगा सा महसूस करने लगे। तबले की जुगलबंदी ने भी संगीत प्रेमियों को गदगद कर दिया। तबले पर अंगुलियों का जादू बिखेरने आए विजय घाटे ने भी स्वामी हरिदास के मंच पर अपने हुनर का प्रदर्शन किया तो लोगों को तालियां थमने का नाम नहीं ले रही थीं। समारोह में संचालन अर्चना सतीश, संयोजन अनूप शर्मा तथा धन्यवाद ज्ञापन आचार्य गोपी गोस्वामी ने किया।