उमा डोगरा और वैजंती काशी को मिला सूरदास अवार्ड
हर साल सूरदास अवार्ड से सम्मानित होंगे कला जगत रत्न: गीतांजलि शर्मा
वृंदावन, जासं। सूरदास महोत्सव 2019 का समापन भारत के मशहूर कलाकारों को सूरदास अवार्ड से सम्मानित करने के साथ हुआ। सूरदास महोत्सव समिति ने संगीत और नृत्य की साधना व संस्कृति के संवंर्धन व संरक्षण में अमूल्य योगदान देने वाली विभूतियों को संत शिरोमणि सूरदास अवार्ड से सम्मानित किया।
वृंदावन शोध संस्थान में चल रहे सूरदास महोत्सव में कुचिपुड़ी नृत्यांगना वैजंती काशी को शास्त्रीय नृत्य संगीत की सेवा के अमूल्य योगदान हेतु संत शिरोमणि सूरदास अवार्ड एवं उमा डोगरा को कथक नृत्य (शास्त्रीय नृत्य) के क्षेत्र में असाधारण प्रयासों के लिए संत शिरोमणि सूरदास अवार्ड से अलंकृत किया। संयोजक कथक नृत्यांगना गीतांजलि शर्मा ने कहा कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए संत शिरोमणि सूरदास अवार्ड की स्थापना की गई है। अवार्ड की जानकारी मुख्यमंत्री व राज्यपाल को भी दी जाएगी। गीतांजलि शर्मा ने अपने गुरु के बारे कहा उमा डोगरा ¨हदुस्तान की नामचीन कथक गुरुओं में से एक हैं। जयपुर घराने की वरिष्ठ नृत्यांगना व गुरु पंडित दुर्गा लाल की पटशिष्या हैं। उमा लगभग पैंतालिस वर्ष से संगीत नृत्य साधना में लगी हैं। मुंबई में तीन दशक से अनगिनत बालिकाओं को नृत्य में पारंगत किया है। वह लेखिका भी हैं। अपने गुरु की स्मृति में 29 साल से पंडित दुर्गा लाल महोत्सव समेत रैनड्राप्स फेस्टिवल का आयोजन करती आ रही हैं। आइएएस राजेंद्र पेंसिया, चंदन पांडेय, सार्थक चतुर्वेदी, नम्रता मिश्रा, डॉ. नीतू गोस्वामी, वृषभान गोस्वामी, माधव आचार्या, श्रुति शर्मा, मोहित शर्मा, डॉ. अशोक, डॉ. वर्तिका, डॉ. प्रीतरंजन मौजूद रहे।