श्रीकृष्ण ने दिया था नारी सशक्तीकरण का संदेश
सेवाकुंज में आज भी कर रहे राधाजी की चरणसेवा, कान्हा की क्रीड़ास्थली में हर ओर राधे-राधे की ही गूंज
जागरण संवाददाता, वृंदावन: ब्रज और वृंदावन में की गई भगवान श्रीकृष्ण की एक-एक लीला में बड़े-बड़े संदेश भी छिपे हैं। वृंदावन स्थित सेवाकुंज में आज भी विद्यमान राधाजी की चरण सेवा इस बात का प्रतीक है कि श्रीकृष्ण ने पांच हजार साल पहले ही नारी सशक्तीकरण का संदेश दे दिया था।
मान्यता है कि रासलीला के श्रम से राधाजी के व्यथित हो जाने पर भगवान श्रीकृष्ण द्वारा उनकी यहां पर सेवा की गई थी। इसलिए इस स्थल का नाम सेवाकुंज पड़ा। सेवाकुंज की स्थापना के बारे में बताया जाता है कि गोस्वामी श्रीहितहरिवंश ने भगवान श्रीकृष्ण के दूसरे लीला स्थलों के साथ इसे भी प्रकट किया था। लता-पताओं से आच्छादित सेवाकुंज के मध्य में एक भव्य मंदिर है, जिसमें श्रीकृष्ण राधाजी के चरण दबाते हुए अति सुंदर रूप में विराजमान है। राधाजी की सखियों के भी चित्रपट मंदिर की शोभा बढ़ा रहे हैं।
सेवाकुंज में स्थित ललिता कुंड के बारे में कहा जाता है कि रास के समय ललिताजी को प्यास लगी तो श्रीकृष्ण ने अपनी वेणु (वंशी) से खोदकर एक कुंड को प्रकट किया। सेवाकुंज के बीचोंबीच एक पक्का चबूतरा है, जनश्रुति है कि यहां आज भी नित्य रात्रि को रासलीला होती है। इनका कहना है
-वृंदावन शोध संस्थान के निदेशक सतीशचंद्र दीक्षित कहते हैं भगवान श्रीकृष्ण ने राधाजी की चरणसेवा करके जो सम्मान उन्हें दिया। इस लीला का तात्पर्य ही यही है कि उन्होंने जगत को नारी सशक्तिकरण का संदेश देने के लिए ये लीला की।
-ब्रज संस्कृति शोध संस्थान के सचिव लक्ष्मीनारायण तिवारी कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीला के जरिए नारी के महत्व को बड़ा करने के लिए ही राधाजी की चरण सेवा की। इसका उदाहरण है कि वृंदावन के किसी भी मंदिर में उनके नाम से पहले राधाजी का नाम लिया जाता है।