राऊफ शरीफ को दो मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा जेल
अस्थाई जेल में निरुद्ध राऊफ को केरल से एसटीएफ ने किया था गिरफ्तार
जासं, मथुरा: पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) की स्टूडेंट विग कैंपस फ्रंट आफ इंडिया (सीएफआइ) के राष्ट्रीय महासचिव केए राऊफ शरीफ को पुलिस ने सोमवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार पांडेय की अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे दो मार्च तक की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। राऊफ पर विदेशी फंडिग से देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप है।
हाथरस प्रकरण के बाद थाना मांट पुलिस ने पांच अक्टूबर 2020 को यमुना एक्सप्रेसवे के टोल प्लाजा से पीएफआइ के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतीकुर्रहमान, सीएफआइ के महासचिव मसूद अहमद, कथित पत्रकार सिद्दीकी कप्पन और मुहम्मद आलम को गिरफ्तार किया था। ये हाथरस जा रहे थे। इन पर देशद्रोह का आरोप है। आरोपितों के खिलाफ थाना मांट में दर्ज मुकदमा की जांच स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) नोएडा कर रही है।
केरल के कोल्लम जिले के थाना अंचल क्षेत्र की वेदू मार्केट निवासी केए राऊफ शरीफ इनका साथी है। आरोप है कि बहराइच और मुजफ्फर नगर के दंगों के दौरान केए राऊफ शरीफ ने मसूद और अतीकुर्रहमान को फंडिग की थी। राऊफ को ये फंडिग विदेश में बैठे पीएफआइ के पदाधिकारियों ने की थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 12 दिसंबर 2020 को राऊफ को तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। तभी से राऊफ केरल की एर्णाकुलम जेल में निरुद्ध था। राऊफ को शुक्रवार को जमानत मिल गई थी। एसटीएफ ने राऊफ को एर्णाकुलम जेल से रिहा होने के बाद हिरासत में ले लिया।
एसटीएफ ने रविवार तीसरे पहर पांच बजे राऊफ शरीफ को रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया था। रिमांड मजिस्ट्रेट ने सुनवाई के लिए सोमवार की तारीख तय की थी। सोमवार को सदर बाजार पुलिस राऊफ शरीफ को गोवर्धन रोड स्थित रतनलाल फूल कटोरी विद्यालय में बनाई गई अस्थाई जेल से लाई और अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार पांडेय की अदालत में पेश किया। राऊफ के अधिवक्ता मधुवन दत्त चतुर्वेदी ने अदालत में पक्ष रखा। जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह ने बताया, राऊफ शरीफ को अदालत ने न्यायिक हिरासत में दो मार्च के लिए जेल भेज दिया है। सुनवाई के दौरान एसटीएफ के एसआइ ब्रह्मप्रकाश भी मौजूद रहे।
डीएसपी एसटीएफ विनोद सिरोही ने कहा कि राऊफ शरीफ के न्यायिक हिरासत में आने के कारण अब हम कोर्ट से पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने की मांग करेंगे। रिमांड मिलने पर आरोपित से पूछताछ की जाएगी।