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बरसाना मंदिर: रिसीवर ने ठुकराया एसडीएम गोवर्धन का प्रस्ताव

दूसरे दिन भी न सुलझा बरसाना मंदिर का मसला प्रशासन की उदासीनता न मचवा दे कहीं राधारानी मंदिर की सेवा पूजा पर रार

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 11:36 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 06:25 AM (IST)
बरसाना मंदिर: रिसीवर ने ठुकराया एसडीएम गोवर्धन का प्रस्ताव
बरसाना मंदिर: रिसीवर ने ठुकराया एसडीएम गोवर्धन का प्रस्ताव

बरसाना(मथुरा), संसू। राधारानी मंदिर बरसाना की सेवा पूजा को लेकर गोस्वामियों के बीच कहीं प्रशासन की उदासीनता बड़ी रार न मचवा दे। हालांकि फिलहाल मामला कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन इससे पहले चले आ रहे विवाद को सुलझाने में प्रशासनिक स्तर पर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए थे। इसी का नतीजा रहा कि दूसरे दिन भी मंदिर की सेवा पूजा को लेकर चला आ रहा विवाद बरकरार बना रहा।

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मंदिर की सेवा पूजा को लेकर माया देवी और देवेश गोस्वामी के मध्य लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सुलझाने के लिए मंगलवार को एसडीएम गोवर्धन नागेंद्र कुमार मंदिर पर पहुंचे, पर मायादेवी की गैर मौजूद के कारण मसला हल नहीं हो सका। मायादेवी उपचार के लिए मेदांता अस्पताल गुरुग्राम गई हुई थीं। एसडीएम गोवर्धन ने बताया कि मंदिर के रिसीवर डॉ. कृष्ण मुरारी गोस्वामी को पूजा सेवा का कार्य देखने को कहा, पर उन्होंने इन्कार दिया। सवाल यह है कि जब प्रशासन रिसीवर को मंदिर की सेवा पूजा का कार्य देखने के लिए कह सकता हैं तो कोर्ट का फैसला आने तक उसे अपने कब्जे में क्यों नहीं कर सकता है। रिसीवर के अलावा किसी तीसरे पक्ष को भी यह कार्य सौंपा जा सकता है। प्रशासन कभी मायादेवी तो कभी देवेश गोस्वामी के पक्ष में आदेश-निर्देश शुरू से ही जारी कर इस मामले को उलझाता रहा है। यही कारण है कि बरसाना के लोग प्रशासन की भूमिका पर भी संदेह व्यक्त कर रहे हैं। एसडीएम गोवर्धन का कहना था कि मामला कोर्ट में चल रहा है। इसलिए मंदिर को कुर्क करके तीसरे पक्ष के सुपुर्द नहीं किया जा सकता है। ऐसा करने से एक कोर्ट के दूसरे कोर्ट के मामले में हस्तक्षेप करना है। --क्या है मसला: नगर के अखेराम थोक निवासी मायादेवी इन दिनों मंदिर की सेवा पूजा कर रही हैं। इसका विरोध देवेश गोस्वामी आदि कर रहे हैं। इसी मामले हाईकोर्ट ने एसडीएम गोवर्धन और एडीएम प्रशासन के पूर्व जारी किए आदेशों को खारिज करते हुए 21 दिन के अंदर सिविल जज छाता को विवाद सुलझाने को निर्देशित किया है। बीते दिन सोमवार को मायादेवी के स्थगन आदेश को भी सिविल जल छाता ने खारिज कर दिया था। इसी के बाद ही देवेश आदि ने एसडीएम गोवर्धन से सेवा पूजा का कार्य दिलाने की मांग की थी। एसडीएम गोवर्धन पुलिस के साथ मंदिर पहुंचे, पर मायादेवी ने बिना आदेश के सेवा छोड़ने से इन्कार करते हुए दो घंटे को मंदिर को बंद कर दिया था। दोनों पक्षों के विवाद के कारण वैकल्पिक व्यवस्था के लिए मंदिर में रिसीवर नियुक्त किया जा सकता है। विवाद के मद्देनजर रिसीवर ने इन्कार कर दिया। आज यहां माया देवी मंदिर पर मौजूद नहीं थी। उनके अधिवक्ता के अनुसार वे मेदांता में भर्ती है। इसलिए इस मामले का हल नहीं हो सका।

नागेंद्र कुमार, एसडीएम गोवर्धन। प्रशासन माया देवी के दबाव में काम कर रहा है। रोजाना गोस्वामी समाज के लोगों को बुलाकर गुमराह किया जा रहा है। हाईकोर्ट से माया देवी के सभी आदेश निरस्त हो गए और सिविल जज छाता के यहां से भी स्टे की याचिका खारिज होने के बाद माया देवी जबरन सेवा में काबिज है।

-देवेश गोस्वामी, माया देवी पर प्रशासन अनैतिक दबाव बना रहा है। देवेश पक्ष पर कोई भी कोर्ट का आदेश नही है। माया देवी की हालत खराब होने के कारण उसे इमरजेंसी में मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गोकलेश कटारा, अधिवक्ता माया देवी पक्ष। जब हाईकोर्ट ने ही माया देवी को नही माना तो वो किसके आदेश से सेवा में काबिज है। प्रशासन इस मामले को सुलझाने के लिए कानूनी कार्रवाई नहीं कर रहा है। माया देवी पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं।

रासबिहारी गोस्वामी।


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