आज से हर दिन पंचमेवा खिचड़ी चखेंगे राधाबल्लभ
तीन सौ साल पुरानी परंपरा का होगा निर्वहन, पद गायन कर भक्त लाडले को एक महीने तक रिझाएंगे
वृंदावन, जासं, शरद ऋतु में ठा. राधाबल्लभ लालजू को मंगलवार से पंचमेवा युक्त खिचड़ी भोग में अर्पित की जाएगी और इसी से जुड़े परंपरागत पदों का गायन ठाकुरजी के सामने होगा। पद गायन कर भक्त लाडले राधाबल्लभ को एक महीने तक रिझाएंगे।
पौष शुक्ला दूज से ठा. राधाबल्लभ मंदिर में खिचड़ी उत्सव आरंभ होगा। ठाकुरजी को प्रतिदिन पंचमेवा युक्त ये खिचड़ी सुबह मंगला आरती से पहले परोसी जाएगी। खिचड़ी उत्सव की परंपरा तीन सौ साल पहले कमल नयन महाराज की ओर से शुरू की गई थी। खिचड़ी उत्सव एक महीने तक मंदिर में चलेगा। मान्यता है कि ठाकुरजी को सर्दी से राहत देने के लिए मेवा युक्त गर्म खिचड़ी परोसी जाती है। अलग भेष में देंगे दर्शन:
खिचड़ी महोत्सव पर ठाकुरजी अलग-अलग भेष में भक्तों को दर्शन देंगे। किसी दिन चूड़ी बेचते मनिहारिन बनेंगे तो किसी दिन सखी रूप में दर्शन देंगे। आधुनिकता के वशीभूत ठाकुरजी कभी क्रिकेटर दिखेंगे तो कभी छलिया के रूप में। कभी इत्र बेचने वाले का भेष रखकर भक्तों को दर्शन देंगे। अपनी आल्हादिनी शक्ति प्रियाजू को मनाने के लिए ठाकुरजी जो भी अलग भेष रखते हैं, उसे छद्म भेष कहा जाता है।