खोदाई से बदल जाएगी दुखहरणी कुंड की सूरत
नौहझील ब्लॉक की ग्राम पंचायत सुरीर कलां में एक एकड़ में फैले ऐतिहासिक कुंड को भरने के लिए चल रहा अभियान
सुरीर(मथुरा), संसू। नौहझील ब्लॉक की ग्राम पंचायत सुरीर कलां में दुखहरणी कुंड की सफाई एवं खोदाई का कार्य चल रहा है। इससे न केवल इसकी सूरत बदलेगी बल्कि जल संचय के लिए यह कुंड मील का पत्थर साबित होगा।
मार्ग पक्के होने से बारिश का सारा पानी व्यर्थ बह जाता है। इधर, हम साल भर •ामीन के अंदर से पानी निकाल कर इस्तेमाल कर रहे हैं और इसकी भरपाई नहीं कर पा रहे हैं। गांवों में अधिकांश तालाब या पोखर अतिक्रमण के शिकार हैं। इनको डलावघर तब बना रखा है, लिहाजा बारिश का पानी जमीन के अंदर ही नहीं जा पाता है। यही कारण है कि गांवों में भी जलस्तर लगातार गिर रहा है।
ऐसे में दुखहरणी कुंड की खोदाई बारिश के जल संचय के लिए बेहतर प्रयास होगा। एक एकड़ से भी अधिक जमीन में दुखहरणी कुंड के नाम से तालाब बना हुआ है। ग्राम पंचायत सुरीर कलां तीन दिन से जेसीबी एवं पोकलेन मशीन से इस कुंड की खोदाई और सफाई कार्य में लगी हुई हैं।
पंचायत सचिव शंकर पाल सिंह एवं ग्राम प्रधान राजेश कुमार ने बताया कि बारिश के जल को एकत्रित करने के उद्देश्य से इस कुंड की सफाई और खोदाई कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि इससे न केवल कुंड की सूरत बदलेगी बल्कि जल एकत्रित करने की ²ष्टि से एक बड़ी कामयाबी होगी। कुंड में स्नान करने से दूर होते हैं चर्मरोग:
कस्बा सुरीर स्थित दुखहरणी कुंड का पौराणिक महत्व है। पं.हरीशंकर शर्मा ने बताया कि गाय चराने के दौरान भगवान श्रीकृष्ण इस कुंड में स्नान करते थे। उन्होंने इस कुंड को ऐसा वरदान दिया था कि जो इसमें स्नान करेगा उसके चर्म रोग दूर हो जाएंगे। तभी से चर्म रोगों से पीड़ित इस कुंड में स्नान करने आते हैं। अब तक प्रशासन की अनदेखी के कारण यह कुंड अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जूझ रहा था।
इस कुंड की खोदाई एवं सफाई से लोगों को काफी लाभ मिलेगा। पशुओं को पानी के लिए दूर नहीं भटकना पड़ेगा। आसपास जलस्तर भी बढ़ेगा।
- विकास रावत, ग्रामीण। इस कुंड पर खोदाई होने पर सबसे ज्यादा खुशी गंदगी से निजात मिलने की है। चारों ओर गंदगी से इस कुंड का अस्तित्व मिट रहा था। इसके अलावा जल संचय की ²ष्टि से यह तालाब गांव के लिए एक मिसाल बनेगा।
-हरिमोहन रावत, ग्रामीण।