पलक झपकते ही होलिका की आग के दरिया को पार कर पंडा
फालैन का पंडा मोनू पलक झपकते ही होलिका के आग के दरिया के पार गया। इस क्षण के हजारों श्रद्धालु गवाह बने। इससे पहले रात भर यहां होली और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते रहे। फालैन के मेला को लेकर कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे।
देव शर्मा, कोसीकलां: फालैन का पंडा मोनू पलक झपकते ही होलिका के आग के दरिया के पार गया। इस क्षण के हजारों श्रद्धालु गवाह बने। इससे पहले रात भर यहां होली और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते रहे। फालैन के मेला को लेकर कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे।
गांव फालैन में सोमवार से शुरू हुए पंडा मेला में सांझ ढलते-ढलते आस्था की लहरें हिलोरे भरने लगी। हर तरफ लोग झुके हुए थे। छत और प्रह्लादजी के आंगन में कहीं भी एक कदम रखने के लिए जमीन शेष नहीं थी। श्रद्धालु होलिका से मोनू पंडा के बच निकलने के उस दुर्लभ चमत्कारिक क्षण को देखने को आतुर थे। मंगलवार को सुबह साढ़े चार बजे मंदिर में तप पर बैठे मोनू पंडा ने अखंड ज्योति पर हाथ रखकर शीतलता महसूस की। हालांकि उस समय होलिका की लपटों ने चारों ओर खड़े श्रद्धालुओं को काफी पीछे धकेल दिया। लेकिन ज्यों ही मोनू पंडा प्रहलादजी की माला को धारण कर निकले भक्त प्रहलाद के जयघोष से पूरा वातावरण गूंज उठा। प्रहलाद कुंड में स्नान के बाद चार बजकर 40 मिनट पर मोनू पंडा ने धधकती होलिका की ओर दौड़ लगा दी। होलिका के अंगारों पर दस कदम रखकर मोनू पंडा होलिका से सकुशल बाहर निकले। मेला आचार्य पंडित भगवान सहाय एवं ग्रामीणों ने उन्हें अपनी गोद में भर लिया। चारों तरफ जयजयकार के साथ गुलाल उड़ना शुरू हो गया। मोनू पंडा ने मंदिर में पहुंच कर पूजा अर्चना की। इस क्षण के हजारों श्रद्धालु गवाह बने।