पंचायत भवनों को नहीं मिल रही जमीन, डीएम ने संभाली कमान
एक सप्ताह में जमीन तलाशने के लिए एसडीएम को दिए हैं निर्देश - ग्रामीणों ने जमीन पर कब्जा कर 15 सी में दर्ज करा रखे हैं मामले
जागरण संवाददाता, मथुरा: अब हर एक जिले में मिनी सचिवालय की स्थापना होनी है, लेकिन जिले के पांच ब्लाक में अभी कई ऐसी पंचायत है, जहां पर पंचायत भवन के निर्माण के लिए जमीन तक नहीं मिल पा रही है। ऐसे में मिनी सचिवालय बनाना संभव नहीं हो पा रहा है। पंचायत अधिकारियों के हाथ पैर मारने के बाद भी जब कोई फैसला नहीं कर पाया तो अब कमान जिलाधिकारी ने संभाल ली है। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देश दिए है कि एक सप्ताह के अंदर पंचायतों में जमीन तलाश कर देंगे, जिससे एक माह में पंचायत भवन का निर्माण करा दिया जाए।
जिले में 504 ग्राम पंचायत हैं। इनमें से अभी आधा दर्जन से अधिक ऐसी भी ग्राम पंचायत है, जहां पर पंचायत भवन के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। इनमें से कई पंचायत में तो ग्रामीणों ने एसडीएम की कोर्ट में 15 सी के मामले डाल रखे हैं, जिससे जब भी पंचायत अधिकारी या फिर कर्मचारी जमीन पर कब्जा करने पहुंचते हैं तो ग्रामीण मामला कोर्ट में विचाराधीन होने की बात कहकर उन्हें टरका देते हैं। जबकि इन वादों को एसडीएम तत्काल सुनवाई कर निस्तारण भी कर सकते हैं। ऐसे में अब जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने उन सभी पंचायतों में जमीन उपलब्ध कराने के लिए एसडीएम को निर्देश दिए हैं। उन्हें एक सप्ताह में जमीन देने को कहा गया है। जिससे समय रहते पंचायत भवन का निर्माण कराया जा सके। ब्लाक अधिकारियों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि पंचायतों में जमीन की कमी है। लेकिन ग्रामीणों ने आपसी विवाद के चलते कई जगह तो जमीन उलझा रखी है। 15 सी में मामले दर्ज करा लिए हैं, जिससे जब भी उन जमीनों की बात कही जाती है तो ग्रामीण न्यायालय में मामला होने की बात कह देते हैं, जबकि पंचायत अधिकारी और कर्मचारी लगातार जमीन तलाशने में जुटे हुए हैं। यहां पर नहीं है पंचायत की जमीन
विकास खंड - ग्राम पंचायत
छाता - अजनोठ, खानपुर और मझोई
फरह - नगला अबुआ
मथुरा - शाहपुर, चैनपुर
राया - गजू और नगला हरी
नौहझील - नावली और सेईपट्टी
- वर्जन -
जिले में 504 ग्राम पंचायत हैं, जिनमें से आधा दर्जन से अधिक पंचायत ऐसी हैं, जहां पर पंचायत भवन के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। जमीन के लिए हमने जिलाधिकारी से अपील की है। उन्होंने एसडीएम के माध्यम से एक सप्ताह में जमीन उपलब्ध कराए जाने का आश्वासन दिया है।
किरन चौधरी, डीपीआरओ