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कृष्णनगरी वृंदावन में पर्यटकों को आकर्षित करेगा पागल बाबा का मंदिर, भव्य स्वरूप दिए जाने की योजना

तीर्थनगरी वृंदावन स्थित महामाया काली के अनन्य उपासक सिद्ध संत पागल बाबा की समाधि मंदिर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है। 221 फीट ऊंचा सफेद संगमरमर के पत्थरों से बना पागल बाबा मंदिर अब लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 01:00 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 01:00 PM (IST)
कृष्णनगरी वृंदावन में पर्यटकों को आकर्षित करेगा पागल बाबा का मंदिर, भव्य स्वरूप दिए जाने की योजना
वृंदावन में सिद्ध संत पागल बाबा मंदिर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी है।

मथुरा, जेएनएन। तीर्थनगरी वृंदावन स्थित महामाया काली के अनन्य उपासक सिद्ध संत पागल बाबा की समाधि मंदिर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है। 221 फीट ऊंचा सफेद संगमरमर के पत्थरों से बना पागल बाबा मंदिर अब लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। मंदिर को भव्य स्वरूप दिए जाने की योजना पर काम शुरू हो गया है।

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वर्ष 1969 में तपोमूर्ति लीलानंद ठाकुर पागल बाबा ने भव्य मंदिर का निर्माण करने की योजना तैयार की थी। मथुरा मार्ग पर संगमरमर का नौ मंजिला लीलाधाम (पागल बाबा का मंदिर) की स्थापना कर दी। श्वेत प्रस्तर जड़ित 18 हजार वर्ग फीट और 221 फीट की ऊंचाई वाले इस मंदिर की प्रत्येक मंजिल पर देव प्रतिमा स्थापित हैं। बाबा ने ऐतिहासिक गोपेश्वर महादेव के पास स्थित भूतगली में लीला कुंज का भी निर्माण किया। कालांतर में लीलाकुंज पुराने पागल बाबा के रूप से प्रसिद्धि को प्राप्त हुआ। 24 जुलाई 1980 को बाबा ने नश्वर शरीर का त्याग कर समाधि ले ली।

सुंदरता के लिए प्रख्यात मंदिर : पागल बाबा मंदिर के मुख्य ट्रस्टी जिला न्यायाधीश और जिलाधिकारी हैं। मथुरा-वृंदावन मार्ग किनारे स्थित यह मंदिर अपनी सुंदरता के लिए प्रख्यात है। सफेद पत्थरों से बने इस नौ मंजिल के मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती है। यह मंदिर करीब 150 फीट चौड़ाई में बना है। हालांकि मुख्य मार्ग की दीवार इस मंदिर की भव्यता को ढक देती है। ऐसे में मंदिर प्रबंधन ने सामने की दीवार को हटाने का फैसला किया है। 

मंदिर और आकर्षित बनेगा : पागल बाबा मंदिर के प्रबंधक बलदेव चतुर्वेदी ने कहा कि मंदिर को और आकर्षित बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। बाहरी गेट में बदलाव किया जा रहा है। जल्द ही मुख्य बाहरी दीवार पारदर्शी नजर आएगी। फुव्वारे भी श्रद्धालुओं को यहां लुभाएंगे। भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम की स्वचलित गैलरी नए स्वरूप में बनकर तैयार हो चुकी है।

अद्भुत चमत्कारों का स्थल : मथुरा मार्ग स्थित संत श्रीमद्लीलानंद ठाकुर-पागल बाबा आश्रम किसी चमत्कारी स्थल से कम नहीं हैं। उन्होंने हरिनाम के प्रभाव में पांच आश्रमों की स्थापना की, अस्पताल बनवाए। इनमें दो आश्रम वृंदावन में हैं। सभी में अखंड हरनाम संकीर्तन होता है। विश्व में यह अपने किस्म का नौ मंजिल वाला पहला मंदिर है। आठ बीघे में मंदिर तो पांच बीघे में यहीं पर गौशाला है। विशाल पागल बाबा हॉस्पिटल भी बना है। 


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