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गोशाला छोड़ भागे संचालक, 15 गोवंश की मौत

प्रदेश के पशुधन मत्स्य एवं दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी की हिदायत के दूसरे दिन रविवार को भूख और ठंड से तड़प-तड़प कर के सात बछड़े और गायों की मौत हो गई। स्वामी सेवा संस्थान गोशाला तरौली का संचालक चार-पांच दिन पहले गोशाला से चुपचाप भाग गया। गायों की मौत से प्रशासन में खलबली मच गई। अफसरों का काफिला पशु चिकित्सकों की टीम को लेकर गोशाला पहुंचा और उनका उपचार कराया। ग्रामीणों ने संचालक के खिलाफ छाता थाने में रिपोर्ट कराई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 11:55 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 06:07 AM (IST)
गोशाला छोड़ भागे संचालक, 15 गोवंश की मौत
गोशाला छोड़ भागे संचालक, 15 गोवंश की मौत

जेएनएन, मथुरा: प्रदेश के पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण की हिदायत के दूसरे दिन रविवार को भूख और ठंड से तड़प-तड़प कर 15 गाय और बछड़ों की मौत हो गईं। आठ ने शनिवार रात दम तोड़ा, तो रविवार को सात की मौत हो गई। स्वामी सेवा संस्थान गोशाला तरौली का संचालक चार-पांच दिन पहले गोशाला से चुपचाप भाग गया था। गायों की मौत से प्रशासन में खलबली मच गई। अफसरों का काफिला पशु चिकित्सकों की टीम को लेकर गोशाला पहुंचा और बीमार गोवंश का उपचार कराया। ग्रामीणों ने संचालक के खिलाफ छाता थाने में रिपोर्ट कराई है।

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कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने शनिवार को ही आगरा और अलीगढ़ मंडल के पशुपालन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा के बाद दो टूक कहा था कि ठंड और भूख से किसी गोशाला में गायों की मौत नहीं होनी चाहिए। मंत्री के ही निर्वाचन क्षेत्र से गोशाला में भूख से गायों के मरने की पहली घटना हुई। स्वामी सेवा संस्थान गोशाला तरौली का श्रीस्वामी नारायण आश्रम वृंदावन ने तीन महीने पहले संचालन अपने हाथ में लिया था। कृष्ण बल्लभदास गोशाला का संचालन कर रहे थे। गोशाला में बछिया, बछड़े समेत करीब 312 गाय थीं। बाबा कृष्ण बल्लभदास और भक्ति शोधदास चार-पांच दिन पहले गोशाला छोड़कर भाग गए। गोशाला पर सेवक नारायण सिंह अकेला रह गया। तरौली गांव के मूला मास्टर और राजू ने छाता कोतवाली में कृष्ण बल्लभ दास और भक्ति शोधदास के खिलाफ दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि गोशाला संचालक श्रीस्वामी नारायण आश्रम वृंदावन ने तीन माह पहले गायों को गोद लिया, लेकिन उसकी सेवा नहीं की। जिस समय गोशाला को गोद लिया था, उस समय भरपूर चारा था। दोनो के भाग जाने से गोशाला में अव्यवस्था फैल गई। भूख और ठंड की चपेट आकर दो दिन के अंदर पंद्रह गायों की मौत हो गई। इधर, गोवंश की मौत ने प्रशासन भी सकते में आ गया। सीडीओ रामनेवास, एडीएम प्रशासन सतीश कुमार त्रिपाठी, एसडीएम छाता नितिन गौड़ और परियोजना निदेशक डीआरडीए बलराम सिंह पशु चिकित्सकों की टीम के साथ गोशाला पहुंचे और यहां बीमार गायों का उपचार शुरू कराया। सीडीओ रामनेवास ने बताया कि खंड विकास विकास अधिकारी का कार्यभार देख रहे पीडी डीआरडीए को गोशाला की व्यवस्थाओं का दायित्व सौंपा है। उनका कहना था कि गांवों वालों से ही जानकारी मिली है कि सात गायों की मौत आज हुई है। ग्रामीण शनिवार को भी आठ मौतों की जानकारी दे रहे हैं, लेकिन वह गाय नहीं मिलीं। सात का पोस्टमार्टम कराया है। इस मामले में दो लोगों के खिलाफ रिपोर्ट भी कराई गई है।

----------------------- पॉलीथिन और अफरा से हुई मौत

संवाद सूत्र तरौली: सात गायों का पोस्टमार्टम कराया गया है। पशु चिकित्सक डॉ. एसके मिश्रा ने बताया कि जिन गायों का पोस्टमार्टम कराया गया है। उनमें से पांच गायों की मौत पॉलीथिन के कारण हुई है, जबकि दो की मौत पेट फूलने से हुई है। आधा दर्जन अभी भी बीमार-

संसू, चौमुहां: स्वामी सेवा संस्थान गोशाला तरौली में सात-आठ गाय अभी बीमार हैं। पशु चिकित्सक डॉ. राजेश यादव, डॉ. एसके शर्मा, डॉ. योगेंद्र सिंह उपचारकर रहे हैं। इधर, कृष्ण बल्लभदास का कहना है कि कुछ गाय शनिवार रात बीमार हो गई थीं, जिनमें सात ने दम तोड़ दिया। चारे और पानी का भी इंतजाम नहीं होने पा रहा था। लोगों से सहयोग भी नहीं मिल पा रहा था, इसलिए गोशाला को छोड़ दिया।


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