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तेल, दाल महंगे, फलों की आवक में आई कमी

20 रुपये लीटर महंगा हुआ सरसों का तेल 10 से 15 रुपये किलो बढ़ी कीमतें

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 05:46 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 05:46 AM (IST)
तेल, दाल महंगे, फलों की आवक में आई कमी
तेल, दाल महंगे, फलों की आवक में आई कमी

जागरण संवाददाता, मथुरा: संपूर्ण लाकडाउन किए जाने से सरकार का इन्कार किया जाना कारोबारियों के गले नहीं उतर रहा है। वे कारोबार को समेटने में लग गए हैं। खाद्यान्न, दलहन, तिलहन और फलों आर्डर में कटौती की जा रही है। इसका असर इनकी कीमतों पर पड़ रहा है। तेल, दाल और आटा महंगा हो गया है। महामारी में फायदेमंद बताया जा रहा संतरा फल मंडियों से नदारद है।

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बेकाबू होती चली जा रही कोरोना महामारी ने बाजार में भी उथल-पुथल मचा दी है। खाद्यान्न, दलहन, तिलहन और फलों की मांग में कोई कमी नहीं आई है। हालात के मद्देनजर कारोबारियों ने दूसरे शहरों से खाद्यान्न, दलहन, तिलहन उत्पाद और फलों के आर्डर कम कर दिए हैं। सोयाबीन के तेल की आवक कम होने से सरसों के तेल के दाम बढ़ गए हैं। एक सप्ताह में सरसों के तेल में 20 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी हुई है। 130-135 रुपये लीटर बिक रहा सरसों के तेल के भाव बाजार में 155 रुपये प्रति लीटर पहुंच गए हैं। अरहर, मूंग, उड़द और मसूर की दाल 5 से 10 रुपये किलो तक भाव थोक में बढ़ गए हैं। चना की दाल 15 रुपये किलो महंगी हुई है। चावल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। सामान्य गेहूं का आटा दो रुपये किलो महंगा हुआ है। ब्रांडेड कंपनियों के आटे की कीमतों कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। सामान्य आटा 24 रुपये किलो तक बाजार में बिक रहा है, जबकि मंडी में गेहूं के भाव 17.50 रुपये किलो हैं। लालागंज और मंडी समिति के कारोबारियों का कहना है, हालात ठीक नहीं हैं। कभी भी गोदाम और दुकानों के शटर गिराने पड़ सकते हैं। इसलिए आर्डर कम दिए जा रहे हैं। आवक कम होने के कारण कीमत बढ़ रही हैं। फल एवं सब्जी मंडी के अध्यक्ष इकबाल ने बताया, संतरा मथुरा मंडी में नहीं आ रहा है। 100 से 125 रुपये किलो तक महाराष्ट्र के व्यापारी संतरा के भाव बता रहे हैं। इसलिए मंगाया नहीं जा रहा है। आंध्र प्रदेश से आम और महाराष्ट्र से अंगूर आ रहा है। उनका कहना था, महामारी में जान बचाना मुश्किल हो रहा है। गर्मी का मौसम है। कच्चा माल है। इसलिए फलों को ज्यादा दिन तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। हालात ठीक नहीं हैं। कभी बिगड़ सकते हैं। इसलिए माल थोड़ा ही मंगाया जा रहा है। स्टाक किए जाने की भी आशंका : बाजार में खाद्यान्न, दलहन और तिलहन का स्टाक किए जाने की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। कारोबारी आर्डर में कटौती किए जाने की बात अवश्य कह रहे हैं, लेकिन माल भी ग्राहकों को कम बताया जा रहा है। इसके पीछे स्टाक किए जाने की भी आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। तंबाकू उत्पादों के रेट तो रातों-रात बढ़ा दिए गए हैं। बाजार में इनकी कमी बताई जा रही है। हालांकि, कारखानों में उत्पादन नहीं गिरा है।

--फुटकर में असामान्य भाव : खाद्यान्न, दहलन, तिलहन उत्पाद और फलों का फुटकर बाजार में असामान्य भाव हैं। दुकानदार ग्राहकों को माल की कमी बताई जा रही है। ग्राहकों को बताया जा रहा है, अब बाहर से माल नहीं आ रहा है। लाकडाउन हो गया तो यह भी नहीं मिल पाएगा। इससे ग्राहक संशय में पड़ रहे हैं। इसलिए वह जरूरत से अधिक सामान खरीद कर ले जा रहे हैं। इसका लाभ दुकानदार उठा रहे हैं। -दाल के थोक भाव :

-96 रुपये किलो अरहर

-92 रुपये किलो मूंग

-76 रुपये किलो चना

-88 रुपये किलो उड़द

-100 रुपये किलो उड़द धोबा

-74 रुपये किलो मसूर की दाल

-30 रुपये सामान्य चावल

-70 रुपये बासमती चावल -फलों के थोक भाव:

-125 रुपये किलो संतरा

-50 रुपये किलो आम

-35 रुपये किलो अंगूर

-90 रुपये किलो सेव


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