अब सूरज की किरणों से बन रही 7.50 मेगावाट बिजली
जागरण संवाददाता मथुरा कन्हैया की नगरी को सोलर सिटी बनाने की कवायद तेज हो गई है। पह
जागरण संवाददाता, मथुरा : कन्हैया की नगरी को सोलर सिटी बनाने की कवायद तेज हो गई है। पहले चरण में छोटे-बड़े प्लांट से 7.50 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन भी होने लगा है। अकेले गिरधरपुर गांव में लगे प्लांट से ही पांच मेगावाट बिजली बन रही है। बिजली की आपूर्ति दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के माध्यम से जिले में की जा रही है।
प्रदेश की सरकार रूप टॉप परियोजना के तहत पांच शहरों को सोलर सिटी बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चयनित किया गया है। इनमें मथुरा के अलावा अयोध्या, काशी, गोरखपुर, प्रयागराज को शामिल किया गया है। सरकार की मंशा है कि यहां हर छत पर सोलर पैनल हो। पहले चरण में कुछ निजी और सरकारी भवनों को शामिल किया गया। इनमें रेलवे स्टेशन, कलक्ट्रेट, राजीव भवन में सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा की आपूर्ति शुरू की गई। वहीं जीएलए विश्वविद्यालय, संस्कृति विश्वविद्यालय, कोसी में जिदल स्टील फैक्ट्री को भी शामिल किया गया है। यहां अधिकांश बिजली का खर्च सौर ऊर्जा से पूरा हो रहा है। बलदेव क्षेत्र के गिरधरपुर की खाली जमीन में पांच मेगावाट का पैनल लगाया गया है। यहां भी सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। घरों पर पैनल लगाने पर मिलेगी छूट
पीओ नेडा संतोष वर्मा ने बताया कि घरेलू इस्तेमाल के लिए घरों की छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार की ओर से अनुदान की व्यवस्था की गई है। सोलर पैनल में अच्छी बात यह है कि जितनी यूनिट बिजली की जरूरत हो, उसे घर पर इस्तेमाल करें और बाकी बिजली विभाग को बेच सकते हैं।
जिले में 7.50 मेगावाट बिजली सोलर पैनल से बनाई जा रही है। जिले में कुछ जगह और चिन्हित की जा रही हैं। सोलर सिटी बनाने में यह छोटे-छोटे पैनल बहुत उपयोगी साबित होंगे।
विनोद कुमार गंगवार, अधीक्षण अभियंता - ग्रामीण