कच्ची सड़क और गंदगी से परेशान नगला भोजपुरवासी
नगर निगम सीमा विस्तार करने के बाद भी निगम में शामिल हुए नए मुहल्ले और कालोनियों को शहरी सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रही है। वार्ड नंबर तीन का नगला भोजपुर आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है।
संवाद सहयोगी, मथुरा : नगर निगम सीमा विस्तार करने के बाद भी निगम में शामिल हुए नए मुहल्ले और कालोनियों को शहरी सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रही है। वार्ड नंबर तीन का नगला भोजपुर आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। यहां सफाई व्यवस्था चौपट होने के साथ ही नालियों में गंदगी जमा है।
नगर निगम के वार्ड नंबर तीन के नगला भोजपुर में समस्याओं का अंबार है। इसे नगर निगम में शामिल हुए करीब तीन वर्ष का समय हो गया। मगर यहां के हालात आज भी गांव से बदतर बने हुए हैं। यहां के लोगों को निगम की ओर से सड़क, पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। वार्ड में पक्की सड़क और नालियां तक नहीं हैं। इससे घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़क और प्लाटों में जमा हो जाता है। क्षेत्र में पेयजल पाइपलाइन न होने से लोगों को पीने के पानी के लिए आरओ प्लांट पर निर्भर रहना पड़ता है। - ये समस्याएं भी प्रमुख -
- पक्की सड़क नहीं
- सफाई व्यवस्था चौपट
- पेयजल व्यवस्था ठप
- नाली निर्माण नहीं इनकी सुनिए
--- निगम में शामिल होने के तीन वर्ष बाद भी क्षेत्र शहरी सुविधाओं को तरस रहा है। कई स्थानों पर स्ट्रीट लाइट नहीं है। शाम होते ही अंधेरा छा जाता है।
लखमी सिंह, स्थानीय निवासी
--- पक्की सड़क और गंदे पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से यहां जलभराव की समस्या बनी रहती है। इससे क्षेत्र के हालात बद से बदतर हो गए हैं।
देवी सिंह, स्थानीय निवासी
--- पेयजल पाइपलाइन न होने से पीने के पानी के लिए लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ता है। बोरिग का पानी खारा निकलता है। आरओ प्लांट पर ही निर्भर रहना पड़ता है।
किशनलाल, स्थानीय निवासी
--- क्षेत्र में रोजाना सफाई नहीं होती। सफाई कर्मचारी नियमित रूप से सफाई करने नहीं आते। इससे क्षेत्र में गंदगी का आलम पसरा रहता है।
श्यामलाल, स्थानीय निवासी --- क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए नगर निगम को प्रस्ताव भेजे हुए हैं। कोरोना काल में कार्य नहीं हो सके। प्रस्ताव मंजूर होते ही क्षेत्र में विकास कार्य करवाए जाएंगे।
रजनी देवी, क्षेत्रीय पार्षद