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बैराज का रंगीन पानी पी रहे दो वार्ड के लोग

जागरण संवाददाता, मथुरा: नगर निगम शहर के वार्डों की पेयजल समस्या तक दूर नहीं कर पा रहा है। सालों से म

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Apr 2018 11:47 PM (IST)Updated: Sun, 15 Apr 2018 11:47 PM (IST)
बैराज का रंगीन पानी पी रहे दो वार्ड के लोग
बैराज का रंगीन पानी पी रहे दो वार्ड के लोग

जागरण संवाददाता, मथुरा: नगर निगम शहर के वार्डों की पेयजल समस्या तक दूर नहीं कर पा रहा है। सालों से मिल रहा गोकुल बैराज का पानी ही उनकी जीवन रेखा बना हुआ है। अल्पसंख्यक और मलिन बस्तियों के इलाकों में रहनुमाई कमजोर रहने से उनकी समस्या कभी गंभीर नहीं मानी गई है। सदर क्षेत्र के वार्ड 15 और दरेसी रोड से लेकर डीग गेट तक मुस्लिम आबादी वाले वार्ड 18 और 38 में गोकुल बैराज की रंगीन और बदबूदार पानी की सप्लाई पर ही लोग आश्रित हैं।

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मुस्लिम बहुल वार्ड 18 का बद्री नगर, कब्रिस्तान, भैंसा गोदाम आदि इलाके की आबादी 30 हजार के आसपास है। इन क्षेत्रों के पहले सभासद और पार्षद तो मुस्लिम ही होते रहे हैं, लेकिन अपने क्षेत्र के पेयजल संकट को दूर नहीं करा सके हैं। इसकी वजह पूर्व पालिका और निगम बोर्ड में उनका बहुमत न होना भी एक कारण है। इस वार्ड में बैराज के पानी की सप्लाई ही है। बैराज पर फिटकरी और क्लोरीन से साफ होने वाले इस पानी का रंग हल्का पीला तो है ही, यह बदबूदार भी है। आमतौर पर लोग इसका सेवन नहीं करते। यह पानी केवल नहाने-धोने के ही काम आ रहा है।

इस पानी की गुणवत्ता सुधारने के लिए नगर निगम कुछ नहीं कर रहा। गरीब आबादी क्षेत्र में मेहनत-मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले लोग ज्यादा हैं, लेकिन खरीद कर पानी पीना या किसी सबमर्सिबल के आगे सुबह लाइन लगाना इनकी मजबूरी है।

वार्ड 38 की भी यही स्थिति है। मनोहर पुरा क्षेत्र के इस वार्ड की आबादी करीब 40 हजार है। मनोहरपुरा में भी औवरहेड जलाशय है, जो बैराज के पानी से भरा जाता है और आधे शहर को पानी की सप्लाई भी यहीं से होती है, लेकिन यह क्षेत्र मीठे पानी को तरस रहा है। डीग गेट, मेवाती पाड़ा, कसाई पाड़ा, मटिया गेट, केशवपुरा, भार्गव गली, स्लाटर हाउस, घीया मंडी वाले इस वार्ड के मेवाती पाड़ा, मनोहरपुरा और केशवपुरा में नलकूप की बो¨रग तो है, लेकिन इन तीनों बो¨रग का पानी खारा है।

मनोहरपुरा की टंकी की सुबह-शाम होने वाली सप्लाई बैराज के पानी की होती है और लोग इसी पानी से गुजारा कर रहे हैं। टंकी की सफाई न होने से यह पानी दूषित भी है, जिसकी ओर जलकल विभाग का कोई ध्यान नहीं है। कुछ घरों में सबमर्सिबल जरूर लगे हैं, जिससे आसपास के कुछ लोग पानी ले लेते हैं, लेकिन ज्यादातर आबादी खरीद कर ही पानी ले रही है।

वार्ड 15 सदर इलाके में है। यहां की आबादी करीब 10 हजार है। अहीर पाड़ा, बाल्मीकि बस्ती, भीम नगर, कन्हैया कुंड, अशोक विहार, डाडरा मुहल्ला और गौतम बुद्ध नगर मुहल्ले में से सबसे ज्यादा पेयजल दिक्कत बाल्मीकि बस्ती और भीम नगर में है। बाल्मीकि बस्ती में तो पाइप लाइन ही नहीं है, जबकि भीम नगर की पाइप लाइन सालों से चोक पड़ी हुई है। कुछ बो¨रग यहां हैं, लेकिन बैराज के पानी की सप्लाई ज्यादा है और बाढ़पुरा टंकी तो लंबे समय से खराब पड़ी हुई है।

हमारे यहां पेयजल की समस्या कुछ बस्तियों में ज्यादा है। बाल्मीकि बस्ती और भीम नगर की पेयजल समस्या पर लंबे समय से ध्यान नहीं दिया गया है। नगर निगम को पत्र लिखा है और महापौर को भी समस्या समाधान के लिए कहा है। अभी तक कुछ नहीं किया गया है।

अंशुल, पार्षद, वार्ड-15

गरीब और दलित बस्ती है। हमारी तरफ किसी का ध्यान नहीं है। बैराज के पानी की सप्लाई से लोग गुजारा कर रहे हैं। यह पानी इतना गंदा है कि जीभ पर नहीं रख सकते। पेयजल के मामले पूरा इलाका पिछड़ा हुआ है। नगर निगम मं कोई सुनवाई नहीं है।

नाजरा बेगम, पार्षद, वार्ड-18


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