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श्रद्धालुओं के स्नान को कम पड़ेंगे फव्वारे

मुड़िया पूर्णिमा मेला में स्नान को मानसी गंगा पर चलेंगे 529 फव्वारे

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 05:54 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 05:54 AM (IST)
श्रद्धालुओं के स्नान को कम पड़ेंगे फव्वारे
श्रद्धालुओं के स्नान को कम पड़ेंगे फव्वारे

संसू, गोवर्धन: मुड़िया पूर्णिमा मेला में श्रद्धा उमड़ेगा। श्रद्धालुओं के स्नान के लिए प्रशासन द्वारा फव्वारे मानसी गंगा के चारों तरफ लगाए जाते हैं। इनकी संख्या पांच सौ के करीब है। कम फव्वारों पर श्रद्धालुओं को स्नान करने में परेशानी होगी।

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अधिकतर श्रद्धालु सात कोसीय परिक्रमा लगाने के उपरांत तलहटी स्थित कुंड में स्नान कर धार्मिक यात्रा पूर्ण करते हैं। प्रशासन सुरक्षा के मद्देनजर कुंडों को बैरिकेडिग लगाकर बंद करा देता है। ऐसे में स्नान करने का संकट पैदा हो जाता है। तलहटी के प्रसिद्ध कुंड मानसीगंगा, राधाकुंड कृष्णकुंड, कुसुम सरोवर, गोविद कुंड आदि श्रद्धालुओं के लिए आस्था की ²ष्टि से महत्वपूर्ण हैं। प्रशासन द्वारा कुंडों पर गोताखोर आदि व्यवस्थाएं करने के बजाय श्रद्धालुओं के स्नान पर रोक लगाने के लिहाज से बैरिकेडिग लगा दी जाती है, ताकि श्रद्धालु कुंड के अंदर प्रवेश न कर सकें। केवल मानसी गंगा पर श्रद्धालुओं के स्नान के लिए फव्वारे लगाए जाते हैं।

यूं तो 19 लाख श्रद्धालु ही कर पाएंगे स्नान :

-नगर पंचायत प्रशासन द्वारा मानसी गंगा पर फव्वारों का संचालन किया जाता है, ये फव्वारे स्थाई तौर पर लगे हुए हैं। फव्वारे सिर्फ मुड़िया पूर्णिमा मेला के दौरान ही संचालित होते हैं, बाकी दिनों में ये बंद ही रहते हैं। मानसी गंगा के चारों तरफ लगे लोहे के पाइपों में जगह जगह छेद कर फव्वारे का रूप दिया गया है। चकलेश्वर मंदिर के समीप 42 फव्वारे, गऊ घाट पर 42, मुखारविद मंदिर के समीप 45, मुखारविद मंदिर में 150, दसविसा से बड़ा बाजार तक मानसी गंगा के किनारे पर 250 फव्वारे लगे हुए हैं। श्रद्धालुओं के स्नान के लिए कुल 529 फव्वारे लगे हैं। एक श्रद्धालु को स्नान करने में कम से कम दो मिनट का समय लगता है। एक फव्वारे पर एक घंटे में तीस श्रद्धालु तथा एक दिन में 720 श्रद्धालु स्नान कर पाएंगे। इस तरह 529 फव्वारों पर एक दिन में 3.80 लाख श्रद्धालु ही स्नान कर पाएंगे। पांच दिवसीय मेला के दौरान करीब 19 लाख श्रद्धालु ही स्नान कर पाएंगे। जबकि मुड़िया मेला में करीब एक करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।

-जरूरत के हिसाब से अस्थाई फव्वारे बढ़ा दिए जाएंगे। यह व्यवस्था सुरक्षा के लिए की जाती रही है। जरूरत पड़ने पर कुछ स्थल चिन्हित कर स्नान की व्यवस्था की जाएगी।

आलोक वर्मा, ईओ गोवर्धन


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