नन्हे गुरु की इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में जोरदार दस्तक
दो साल की उम्र में तेज दिमाग गुरु के मुरीद हुए लोग, ग्लोबल चिल्ड्रन रिकॉर्ड एवं रिसर्च फाउंडेशन ने भी किया सम्मानित
वृंदावन, जासं। कहते हैं नाम में क्या रखा है, लेकिन इस बच्चे के तो नाम और काम से सबको अपना चेला बना लिया है। जी हां, नाम गुरु उपाध्याय है और उम्र महज दो साल। इतनी सी उम्र में उसे गूगल का गुरु कहा जाए तो गलत नहीं होगा। सौ से ज्यादा देशों के ध्वज, राजधानियों के नाम, करेंसी उसके दिमाग में बसे हैं। इसी खासियतों की वजह से इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और ग्लोबल चिल्ड्रन रिकॉर्ड एवं रिसर्च फाउंडेशन ने उसे सम्मानित किया है।
गौरा नगर निवासी गुरु खेल-खेल में कई देशों के ध्वज, राजधानियों और करंसी के नाम बता देता हैं। यही कारण है बालक की इस मेमोरी के चलते इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कर मेडल, प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया है। ग्लोबल चिल्ड्रन रिकॉर्ड एवं रिसर्च फाउंडेशन ने भी उसे नवाजा है। नन्हें गुरु के पिता अर¨वद उपाध्याय ने कहा कि विश्वास नहीं होता कि इतनी छोटी उम्र में बेटा ऐसा कर सकता है। उम्मीद है कि देश के लिए कुछ बड़ा करेगा। इसके बारे में हमें खुद ही एक दिन अचानक उस समय मालूम हुआ जब वह किताब में देखकर विभिन्न देश के ध्वजों के नाम ले रहा था। वे और उनकी पत्नी प्रिया गोस्वामी दोनों ही सिविल सर्विसेज की तैयारी में लगे हैं। दोनों अक्सर अपनी तैयारियों पर डिस्कस करते रहते हैं, तो गुरु उन्हें सुनता रहता है। कभी उसे कुछ न तो बताया और न ही पढ़ाया। बावजूद इसके उसने इस उम्र में ही इतना कुछ ज्ञान हासिल कर लिया। इसे देखकर अचंभित हैं। मां प्रिया कहती हैं कि हम तो अपनी तैयारी में लगे थे, लेकिन कब इसने हमारे डिस्कशन से ज्ञान ले लिया, यह पता ही नहीं चला। इसे परिवार का माहौल कहें या फिर बड़ों से मिले संस्कार, ईश्वर की देन ही लगता है। यही कारण है कि देश की दो बड़ी संस्थाओं ने सम्मानित किया है। वार्ता के दौरान पार्षद रसिकबल्लभ नागार्च मौजूद रहे।