कृष्ण की गायों का रखा जा रहा विशेष ध्यान
कृष्ण को गायें बहुत प्रिय थीं। जन्माष्टमी पर कान्हा को उन्हीं गायों के दूध और दही से अभिषेक किया जाएगा। इसको लेकर उनका जन्मभूमि परिसर में बनी गोशाला में गायों को विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
जागरण संवाददाता, मथुरा: कृष्ण को कपिलाएं बहुत प्रिय थीं। उनकी बांसुरी की धुन पर सैंकड़ों गाय उनके आसपास आ जाती थीं। इसलिए कान्हा के साथ-साथ गाय को भी विशेष दर्जा प्राप्त है। कृष्ण के साथ ही उन्हें भी पूजा जाता है। रसोई में बनने वाली पहली रोटी उन्हें ही दी जाती है। मान्यता है कि यह अन्न गाय में वास करने वाले 33 करोड़ देवी-देवताओं तक पहुंचता है। जन्माष्टमी पर तो बात बेहद खास ही है। धरती पर अवतरण के बाद कान्हा को उन्हीं गायों के दूध और दही से अभिषेक किया जाएगा। इसको लेकर उनका जन्मभूमि परिसर में बनी गोशाला में गायों को विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
जन्माष्टमी पर बाल गोपाल को जिन गायों के दूध और दही से अभिषेक किया जाएगा उनका खास ध्यान रखा जा रहा है। उन्हें आहार में वैरायटी वाला खाना दिया जा रहा है। इसमें हरे चारे के अलावा, बिनोले, चोकर, गुड़ भी परोसा जा रहा है। श्रीकृष्ण सेवासंस्थान के जनसम्पर्क अधिकारी विजय बहादुर ¨सह ने बताया कि इस दिन कान्हा का 100 किलो दूध और दही से अभिषेक किया जाना है। गोशाला की व्यवस्था संभालने वाले अनुराग पाठक ने बताया कि गोशाला में करीब 45 गाय हैं। इनके आहार का खास ध्यान रखा जाता है। जन्माष्टमी के दौरान वैरायटी वाला खाना भी दिया जाता है। गोशाला में उनके खानपान और आराम की हर चीज उपलब्ध है। साथ ही उनके स्वास्थ्य पर भी लगातार नजर रखी जा रही है। इसके अलावा उनके समय से सोने-जागने का भी ध्यान रखा जा रहा है।