कब भरेंगे सौ किमी लंबे मार्ग पर ये जख्म
उड़ती धूल और गड्ढों से गुजर रहे तीर्थयात्री तीन साल से अटका हुआ है चौड़ीकरण का मामला
मथुरा, जासं। लोकसभा की पांचों विधान सभा छाता, गोवर्धन, मथुरा-वृंदावन, बलदेव और मांट की सीमा से गुजर रहा करीब सौ किलोमीटर लंबे मार्ग के जख्म नहीं भर पा रहे हैं। कोसीकलां से नंदगांव, बरसाना, गोवर्धन, सौंख, गोकुल बैराज, महावन होकर यमुना एक्सप्रेस वे के राया कट तक के मार्ग की हालत खराब है। इसका कुछ हिस्सा नेशनल हाईवे विकास प्राधिकरण के हिस्से में चला गया तो कुछ भाग की देखरेख लोक निर्माण विभाग कर रहा है। इनके चौड़ीकरण का मामला करीब तीन साल से अटका हुआ है।
एक माह में लाखों तीर्थयात्री एनसीआर से कोकिला वन (शनिदेव मंदिर), नंदबाबा मंदिर नंदगांव, श्रीजी मंदिर बरसाना, गिरिराजजी गोवर्धन आ रहा है। यहां से लोग मथुरा के लिए दो रास्तों से आते हैं। एक गोवर्धन से सीधे मथुरा और दूसरे गोवर्धन से कस्बा सौंख होते हुए मंडी चौराहे आता है। यहां से गोकुल बैराज, महावन होते हुए तीर्थयात्री यमुना एक्सप्रेस और बलदेव की तरफ निकलते हैं। बरेली से राया होते भरतपुर तक जाने वाले मार्ग लोक निर्माण विभाग नेशलन हाईवे विकास अधिकरण को हस्तांतरण कर दिया है। इसका अभी तक कोई प्रोजेक्ट नहीं बन सका है। करीब तीन साल पहले अखिलेश सरकार ने कोसीकलां से बरसाना होते गोवर्धन, गोवर्धन से सौंख कस्बा होते हुए मंडी समिति, गोवर्धन से शहर के गोवर्धन चौराहे तक के मार्ग के चौड़ीकरण के प्लान पर अपनी मुहर लगा दी थी। धनराशि आवंटित कर दी गई और तब से लेकर आज तक चौड़ीकरण का कार्य पूरा नहीं हो सका। पहले पग पर ही झटका: कोसीकलां से नंदगांव की तरफ बढ़ते तीर्थयात्री पहला कदम रखता है, उसको जोर का झटका लगता है। दो सौ-ढाई सौ मीटर लंबी एक साइड का मार्ग सीसी बना हुआ है, शेष मार्ग को खोद कर डाल दिया गया है। कोकिलावन संपर्क मार्ग से लेकर आठ किलोमीटर तक की सड़क यात्रा में शरीर की हड्डी दर्द करने लगती है। धूल इतनी कि पांच दस मिनट में ही दम घुटने लगता है। नंदगांव से बरसाना तक करीब 10 किलोमीटर तक मार्ग कहीं टूटा है तो कहीं थेगरी लगी हुई है। चौड़ीकरण न होने से फुटपाथ भी नहीं बना है। पीडब्ल्यूडी नहीं दे रहा जमीन: चौड़ीकरण में बड़ी संख्या में पेड़ काटे जाने हैं। उनको काटने की मंजूरी कैंपा बोर्ड और पर्यावरण मंत्रालय ने कुछ शर्तों के साथ दी है। इन शर्तों को लोक निर्माण विभाग पूरा नहीं कर पा रहा है। इसलिए चौड़ीकरण का कार्य रूका हुआ है। सालों से इसी टूटे मार्ग से गुजर रहे हैं। नेता जब भी क्षेत्र में आते हैं तो मार्ग के चौड़ीकरण का दावा करते हैं, मगर सड़क टूटी पड़ी हुई हैं।
बच्चू सिंह गांव बरहना हमको यह तो जानकारी नहीं है कि मार्ग कब मंजूर हुआ था और कब तक इसका निर्माण कार्य पूरा होना है। मगर, इतना है कि निकलने में तकलीफ हो रही है।
भगवान सिंह, अग्रवाल कॉलोनी गिट्टी और गड्ढे होने से वाहन पंचर हो जाते हैं। कमानी तक टूट जाती है। क्षेत्रीय नागरिकों के साथ-साथ दूसरे शहरों से आने वाले तीर्थयात्रियों को भी परेशानी हो रही है। सतवीर सिह, गांव जाब हम काफी दिनों से सुनते चले आ रहे हैं कि मार्ग चौड़ा होगा। सीमेंट का बनेगा। काम भी शुरू हुआ था, लेकिन काई महीनों से बंद पड़ा है, लेकिन इस मार्ग पर गुजरने में हड्डी तक दर्द करने लगती है। विष्णु शर्मा, गांव बरचावली 368 करोड़ रुपये वर्ष 2016 में हुए थे कोसी से डीग तिराहे तक चौड़ीकरण को मंजूर
--2 किलोमीटर तक गोवर्धन चौराहे से अंदर की तरफ सीसी और नाला बनना था, जो अधूरा है
--6 फरवरी 2018 को पीलीभीत बरेली-भरतपुर मार्ग को एनएचआइ को दिए जाने प्रकाशित हुआ था गजट
--17 जनवरी 19 को लोक निर्माण ने एनएचआइ को मार्ग कर दिया हस्तांतारण
--11085 पेड़ चौड़ीकरण में काटे जाएंगे, इनके दस गुना पौधे रोपने के लिए पीडब्ल्यूडी नहीं दे पा रहा जमीन --वन विभाग को जमीन उपलब्ध कराने का मामला राजस्व परिषद में पहुंच गया है। जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी। मंजूरी मिलने के ठीक पंद्रह दिन के अंदर में कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
एसके शर्मा, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी