प्रीतम हरियाली से कर रहे धरा का श्रृंगार
गोवर्धन तहसील के छोटे से गांव निवासी प्रीतम ने जीवन में एक लाख पौधे लगाने का संकल्प लिया है। बीते दस वर्ष में वह 30 हजार से अधिक पौधे रोप चुके हैं।
भूपेन्द्र शर्मा, सौंख (मथुरा): दस साल पहले धरा के श्रृंगार का प्रकल्प तो ले लिया, मगर इस संकल्प को पूरा करने के लिए इस दौरान क्या-क्या नहीं देखा और सुना। इस अवधि में सूखा पड़ा और संकट भी आए। खिल्ली उड़ाई गई तो कुछ हाथ भी बढ़े। इन सबसे बेपरवाह अपनी धुन में लगे रहे। बेटे की तरह परवरिश के बाद यही पौधे अब वृक्ष बनकर छांव देने लगे हैं। रंग लाई इस मेहनत को अब शाबाशी भी मिल रही है।
गोवर्धन तहसील क्षेत्र के सौंख इलाके के गांव पाली डूंगरा के पूर्व प्रधान प्रीतम ¨सह को हरियाली के प्रति ये सीख और समर्पण अपने पिता से मिला। उनके पिता कहा करते थे कि हरियाली नहीं बची तो खेती भी नहीं बचेगी। प्रीतम बताते हैं कि वर्ष 1995 में पहली बार प्रधान बनने के बाद सार्वजनिक जमीन पर पौधे रोपे। उनमें अधिकांश सूख गए। अगले साल अपनी जमीन पर पौधरोपण कराया। बड़े होते पौधे देख उत्साह बढ़ गया। वर्ष 2005 में उन्होंने मुहिम को व्यापकता देने के लिए किसानों को साथ लिया। उन्हीं की जमीन पर पौधे रोप देखभाल का वादा भी लिया।
लालपुर से पालीखेड़ा तक अलग नजारा
प्रीतम प्रधान की दस साल की मेहनत का नजारा सौंख-मथुरा मार्ग पर लालपुर गांव से पालीखेड़ा तक देखा जा सकता है। आगरा कैनाल की पटरियों पर भी पौधे लगाने का अभियान भी कई साल से चला रहे हैं।
खरीद कर बांटे पौधे
किसानों की आर्थिक स्थिति भांप प्रीतम ने अपनी ओर से अमरूद, जामुन, नींबू, शहतूत, आम के करीब 8 हजार और कदंब, नीम, अर्जुन, अशोक, पाखड़ के करीब तीन हजार छायादार पौधे मंगवाकर किसानों को बांटे। इस तरह वे अब तक करीब तीस हजार पौधरोपण करा चुके हैं। मुहिम निरंतर जारी है।