मन्नत के सागर में नहीं मचली ' वरदान' की लहरें
संतान प्राप्ति को सूनी गोद का हवाला देकर आंचल फैलाते दंपती को इस बार निराश लौटना पड़ा। प्रशासन ने कोविड-19 के चलते मेला निरस्त कर दिया।
संवाद सूत्र, गोवर्धन: संतान प्राप्ति को सूनी गोद का हवाला देकर आंचल फैलाते दंपती को इस बार निराश लौटना पड़ा। प्रशासन ने कोविड-19 के चलते मेला निरस्त कर दिया। राधाकुंड के प्रवेश मार्ग बंद कर दिए गए। कुंड के घाटों को बेरिकेडिग लगाकर बंद कर दिया गया। पुलिस तैनात कर दी गई। दुनिया भर की चिकित्सा से निराश देश ही नहीं बल्कि विदेश से दंपती संतान प्राप्ति के लिए अहोई अष्टमी पर आधी रात को स्नान करने आते हैं। कोविड की गाइड लाइन का अनुपालन कराने के लिए प्रशिक्षु आइपीएस अनिरुद्ध कुमार पैदल भ्रमण करते रहे।
मान्यता है कि अहोई अष्टमी पर राधाकुंड में रात बारह बजे सभी देव और तीर्थ वास करते हैं। इन पलों में स्नान करने से दंपती को संतान की प्राप्ति होती है। दिन में ही होने लगा स्नान
- प्रशासन ने मेला निरस्त करते हुए रविवार दोपहर दो बजे से सोमवार 11 बजे तक राधाकुंड में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। इसकी भनक लगते ही तमाम श्रद्धालुओं ने दो बजे से पूर्व ही आस्था के सागर में विश्वास की डुबकी लगाना शुरू कर दिया। दो बजे के बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए, लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी तथा अंदर प्रवेश कर चुके भक्तों को बाहर किया। हालांकि राधाकुंड में प्रवेश करने के लिए भक्त, पुलिस से उलझते रहे। प्रशिक्षु आइपीएस अनिरुद्ध कुमार माइक हाथ में लेकर लोगों को मेला निरस्त की सूचना देते रहे।