सावन के आखिरी सोमवार को बम-बम भोले की गूंज
सुबह जलाभिषेक और देर शाम तक झांकियों के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
मथुरा, जासं। कान्हा की नगरी सोमवार को शिवमय नजर आई। शिवालय सुबह से रात तक भगवान शिव की जयकार से गूंजते रहे। रात में तीन बजे से जलाभिषेक के लिए लोगों का उमड़ना शुरू हुआ जो सोमवार देर रात तक जारी रहा।
दोपहर श्रृंगार के लिए कुछ समय के लिए पट बंद हुए, सायंकाल जब खुले तो भोलेनाथ को विभिन्न रूपों में देख भक्त निहारते रह गए।
सोमवार को प्रदोष पड़ने से सावन के अंतिम सोमवार का महत्व बढ़ गया है। महिला-पुरुषों ने व्रत रखा और शहर के विभिन्न शिवालयों में दोपहर तक लोगों ने जलाभिषेक, पंचामृत स्नान, रुद्राभिषेक आदि कर भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग, धतूरा, पुष्प और फूल, मिष्ठान्न आदि से पूजन-अर्चन किया।
शहर के चारों कोनों पर विराजमान महादेव रंगेश्वर, भूतेश्वर, गर्तेश्वर और गोकर्णनाथ में सायंकाल झांकियों के दर्शन के समय भीड़ अधिक रही। रंगेश्वर और गर्तेश्वर महादेव सायंकाल फूल बंगले में विराजे तो भूतेश्वर महादेव ने महाकाल के रूप में दर्शन दिए। सायंकाल अमरनाथ की गुफा में गोकर्णनाथ महादेव के दर्शनों को श्रद्धा का सैलाब उमड़ा तो मथुरा-वृंदावन मार्ग पर जाम लगता रहा। चारों मंदिरों में महिला, पुरुषों की अलग-अलग लगी लाइन में घंटों लोगों को इंतजार करना पड़ा।
होली गेट के समीप रंगेश्वर, भूतेश्वर और मसानी स्थित गोकर्णनाथ पर जाम की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ा। भूतेश्वर और रंगेश्वर महादेव के बाहर सड़क तक श्रद्धालुओं के वाहन खड़े होना भी जाम में सहायक बना। यहां पुलिस बल तैनात तो रहा पर उसे जाम से कोई सरोकार नहीं रहा। महाविद्या में सजी बर्फ की गुफा: महाविद्या कॉलोनी द्वितीय चरण स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में अमरनाथ की गुफा सजाई गई। बर्फीला पानी, जंगली जानवरों का अहसास कराते पुतले, भयंकर आवाजों के मध्य से गुजरकर जब श्रद्धालुओं ने बंगले में विराजमान भोलेनाथ को निहारा तो धन्य हो गया। यहां देर रात तक श्रद्धालु दर्शनों को उमड़े रहे।