जीडीपी में 83 फीसद योगदान देने वाले व्यापारी को सम्मान नहीं
भारत अपनी जीडीपी के कारण दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्तियों में शामिल है। बावजूद इसके देश आज भी लोहर मिडल इनकम कैटेगिरी माना जाता है। स्पष्ट है कि देश में विकास का आयातित मॉडल एफडीआई लाभदायक साबित नहीं हुआ।
वृंदावन, जासं। भारत अपनी जीडीपी के कारण दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्तियों में शामिल है। बावजूद इसके देश आज भी लोअर मिडल इनकम कैटेगिरी माना जाता है। स्पष्ट है कि देश में विकास का आयातित मॉडल एफडीआइ लाभदायक साबित नहीं हुआ। न तो शहर केंद्रित विकास योजनाओं से गांवों को लाभ मिला है और न ही कुटीर, लघु उद्योग, खुदरा व्यापार को लाभ पहुंचा।
वृंदावन शोध संस्थान में राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के व्यापारी हुंकार एवं सम्मान समारोह में बुधवार को यह बात राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा देश की जीडीपी में 83 फीसदी योगदान कारोबारियों का है। बावजूद इसके व्यापारियों का सम्मान नहीं है। असंगठित क्षेत्र सर्वाधिक रोजगार देता है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि केंद्र द्वारा 25 लाख, राज्यों द्वारा 72 लाख, सार्वजनिक क्षेत्र में 1.75 लाख, निजी क्षेत्र में 1.44 लाख तो असंगठित क्षेत्र में 43.7 करोड़ लोगों को रोजगार दिया। खुदरा कारोबार बचाने को ऑनलाइन ट्रेडिग पर 18 फीसद अतिरिक्त कर हो। वहीं, जीएसटी सदी का सबसे बड़ा सुधार है, लेकिन एक ट्रेड पर एक टैक्स निर्धारित किया जाए। जीएसटी प्लानिग का सरलीकरण हो ताकि व्यापारी सीधे जीएसटी फाइलिग कर सकें। एक करोड़ का व्यापार करने वालों को जीएसटी मुक्त रखा जाए। मुद्रा लोन पर ब्याज दर चार फीसदी रखने की मांग की।
प्रदेश अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा देश की लाइफलाइन खुदरा व्यापार है। इससे पूर्व व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रविकांत गर्ग का अभिनंदन किया गया। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष गजेंद्र शर्मा ने की। दीपक अग्रवाल, अजय गुप्ता, जगतनारायण अग्रवाल, पवन चतुर्वेदी, डॉ.अशोक अग्रवाल, दिलीप चौधरी, राजकुमार मामा, रामकिशन अग्रवाल, कल्पना गर्ग, आशुतोष गर्ग आदि मौजूद रहे।