खाजपुर में शहीद की झलक पाने को उमड़ा जनसैलाब
भारत माता के जयकारों से गूंज उठा था गांव खाजपुर कुपवाड़ा में हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे जवान सतवीर
नौहझील(मथुरा), संसू। एलओसी के समीप कुपवाड़ा सेक्टर में भारतीय सेना की 16वीं जाट रेजीमेंट में तैनात शहीद सतवीर सिंह की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा। मंगलवार सुबह मथुरा से उनका पार्थिव शरीर उनके गांव खाजपुर ले जाया गया। रास्ते में यमुना एक्सप्रेस वे एवं बाजना से खाजपुर के बीच तिरंगा हाथों में लिए खड़े हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सात साल के बेटे चिराग ने पिता को मुखाग्नि दी।
जवान सतवीर सिंह जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर में सैन्य निगरानी के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हो गए थे। पार्थिव शरीर जम्मू कश्मीर से हवाई जहाज से आगरा लाया गया। सोमवार शाम सैन्य वाहन से मथुरा लाया गया। पार्थिव शरीर को तिरंगा में लपेटकर उनके गांव स्थित आवास लाया गया। हजारों लोग अपने लाल की झलक पाने को बेताब दिखे। कोई मकान की छत पर खड़ा हो गया, तो कोई दीवार पर। आगे-आगे हाथों में तिरंगा थामे नौजवानों की टोलियां चल रही थी। पूरा गांव भारत माता के जयकारों से गूंज उठ।
डीएम सर्वज्ञराम मिश्र, एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज, एसपी देहात आदित्य प्रकाश शुक्ला, उपजिलाधिकारी मांट श्याम अवध चौहान, सीओ मांट राकेश यादव, तहसीलदार सुभाष चंद, जनपद की स्थानीय गुप्तचर शाखा के प्रभारी निरीक्षक केपी कौशिक के अलावा सैन्य अधिकारियों ने भी अंतिम सलामी दी। थानाध्यक्ष नौहझील सूरज प्रकाश शर्मा, थानाध्यक्ष छाता हरवेंद्र मिश्रा आदि ने भी अपने-अपने पुलिस बल के साथ अंत्येष्टि में भाग लिया। ये भी थे शामिल: अंत्येष्टि में क्षेत्रीय विधायक श्याम सुंदर शर्मा, भाजपा के वरिष्ठ नेता एसके शर्मा, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि राजेश चौधरी, हरीश चौधरी, देवेंद्र छोटू, रालोद से कुंवर नरेंद्र सिंह, योगेश नौहवार, देवराज सिंह, किसान नेता रामबाबू, सुभाष नौहवार आदि थे। चिता की आग ठंडी नहीं हुई कि चेक पर चिकचिक
मथुरा: शहीद की चिता की आग ठंडी भी न हुई थी कि अपनों में ही मुआवजा राशि लेने की खींचतान मच गई। सहायता राशि में मिले चेक को लेकर सैनिक सतवीर की मां और सास के बीच नोकझोंक हो गई। ग्रामीणों ने हस्तक्षेप कर मामले का निपटारा किया।
वाक्या करीब दोपहर एक बजे का है। शहीद सतवीर की अंत्येष्टि के बाद लौटे परिजनों को डीएम सर्वज्ञराम मिश्र ने घर पर मुआवजा राशि का चेक दिया। 20 लाख रुपये का एक चेक शहीद की पत्नी और पांच लाख रुपये का दूसरा चेक शहीद की मां प्रेमवती को दिया। डीएम ने अभी पीठ फेरी ही थी कि शहीद की सास शीला देवी ने शहीद की मां के हाथ से चेक यह कहते हुए छीन लिया यह तुम्हारे लिए नहीं है। यह हमारे बच्चों के लिए है। इस घटना से मां अवाक रह गई। इतने में बीच-बचाव करने ग्रामीण और परिजन आ गए। समझा-बुझाकर मामला शांत कर चेक मां को दिलाया। करीब 10-15 मिनट तक यही दौर चलता रहा। इतने में डीएम को किसी ने सूचना दे दी। इससे वह भी लौटकर आ गए। उन्होंने शहीद के परिजनों और ससुरालियों को साफ बता दिया कि पांच लाख रुपये का चेक शहीद की मां के लिए है। इस पर किसी अन्य का हक नहीं है।