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ऐसे ही निश्शुल्क पट्टे किए तो खत्म हो जाएगी निगम की जमीन

नगर निगम की जमीनों के पट्टे का भी मामला उठा। पार्षदों ने कहा कि जमीनों के निश्शुल्क पट्टे होते रहे तो एक दिन निगम के पास जमीन ही खत्म हो जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 05:14 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 05:14 AM (IST)
ऐसे ही निश्शुल्क पट्टे किए तो खत्म हो जाएगी निगम की जमीन
ऐसे ही निश्शुल्क पट्टे किए तो खत्म हो जाएगी निगम की जमीन

संवाद सहयोगी, मथुरा : नगर निगम की बोर्ड बैठक में पुराने प्रस्तावों पर मुहर लगी, तो कई विचाराधीन रखे गए। नगर निगम की जमीनों के पट्टे का भी मामला उठा। पार्षदों ने कहा कि जमीनों के निश्शुल्क पट्टे होते रहे, तो एक दिन निगम के पास जमीन ही खत्म हो जाएगी।

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महापौर डा. मुकेश आर्यबंधु और नगर आयुक्त रविद्र कुमार मांदड़ की अगुआई में हुई बैठक में 16 दिसंबर 2019 और इस वर्ष 17 जुलाई को हुई बैठक में शामिल एजेंडे के प्रस्तावों की संपुष्टि की गई। बताया गया कि वार्ड नंबर 25 के रामनगर स्थित पानी की टंकी और सीवरेज कार्य के लिए 22 लाख 60 हजार रुपये और वार्ड नंबर 32 में दो नलकूप लगवाने के लिए 29 लाख 81 हजार रुपये स्वीकृत किए गए। ऐसी जमीन के प्रस्ताव को निरस्त किया गया, जो चारों ओर से अन्य किसी की जमीन से घिरी हुई हैं। वार्ड नंबर 13 की पार्षद नेहा वर्मा के प्रतिनिधि ने सदन में पर्यटन थाना बनाने के लिए निगम द्वारा दी जाने वाली भूमि का पट्टा जारी करने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यदि ऐसे ही निगम निश्शुल्क पट्टे करता रहा, तो निगम की सभी जमीनें खत्म हो जाएंगी। पार्षद रवि यादव ने तो महापौर से पार्षदों के अधिकार और उनके कार्य बताने को कहा। नेता प्रतिपक्ष उमेश भारद्वाज ने परिचालन विधि से पास हुए प्रस्तावों का विरोध किया। पार्षद रामदास चतुर्वेदी ने किसी चौराहे या मार्ग का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने और पंच कोसीय परिक्रमा मार्ग के तहत आने वाले क्षेत्र को पवित्र स्थल घोषित करने की मांग की। पार्षद कुसुमलता के पति राजीव ने नारायण सर्किल पार्क में महाराजा सूरजमल की प्रतिमा स्थापित करने के प्रस्ताव की मांग की। इसमें पार्षद राजेश पिटू, रजनी, गोविद सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।

17 जुलाई को रद हुई थी बैठक-

नगर निगम के इस सत्र की बोर्ड बैठक 17 जुलाई को होनी थी। इसमें सदन में बजट पास होने के साथ ही कई विकास कार्यों के प्रस्ताव पर मुहर लगनी थी। मगर, बैठक शुरू होने से पहले ही महिला पार्षद द्वारा नगरायुक्त पर चप्पल फेंकने के चलते हुए विवाद की भेंट चढ़ गई। न बजट पास हुआ और न ही किसी विकास कार्य पर चर्चा हुई। बाद में परिचालन विधि से बजट पास किया गया था।


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