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पंचायतों के आरक्षण में बड़ा बदलाव, बहुतों की धरी रही तैयारी

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव - 50 से 60 फीसद तक विकास खंडों में बदल गया आरक्षण - जिले में प्रधान पद के लिए 176 ग्राम पंचायत अनारक्षित

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 05:32 AM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 05:32 AM (IST)
पंचायतों के आरक्षण में बड़ा बदलाव, बहुतों की धरी रही तैयारी

जागरण संवाददाता,मथुरा: लंबे इंतजार के बाद रविवार को ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्यों की सीटों के आरक्षण की संशोधित सूची जारी कर दी गई। ग्राम पंचायतों के आरक्षण में व्यापक बदलाव हुआ है, ऐसे में बहुतों की तैयारी धरी रह गई, तो कई मायूस हो चुके चेहरों पर फिर से मुस्कान तैर गई। पूर्व में जारी की गई सूची से अब करीब 50 से 60 फीसद तक ग्राम पंचायत की सीटों में बदलाव हुआ है। पहले आरक्षण के आधार पर जिन लोगों ने प्रधान पद के लिए तैयारी की थी, अधिकांश को झटका लगा है। शासनादेश के मुताबिक जिले में अनारक्षित सीटों की संख्या तो 176 ही है, लेकिन ब्लाक स्तर पर पंचायतों में काफी बदलाव हो गया है। जो पंचायत लंबे समय से अनुसूचित जाति में नहीं थीं, पूर्व के आरक्षण में उन पंचायतों में अनुसूचित जाति का आरक्षण घोषित किया गया था, लेकिन न्यायालय के आदेश के बाद एक बार फिर से वह सीट सामान्य या फिर पिछड़ा वर्ग के खाते में चली गई हैं।

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रविवार को जिले की 504 ग्राम पंचायतों के लिए आरक्षण घोषित हुआ। इसमें से 176 ग्राम पंचायत सामान्य जाति के लिए आरक्षित की गई हैं, जबकि 84 ग्राम पंचायतों में महिलाओं को नेतृत्व करने का मौका मिला है। 40 ग्राम पंचायतें अनुसूचित जाति की महिला और 68 ग्राम पंचायतें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। पिछड़ी जाति के खाते में 88 तथा पिछड़ी जाति की महिलाओं के लिए 48 ग्राम पंचायत आरक्षित की गई हैं। आरक्षण घोषित होने के बाद तमाम लोगों की तैयारियों पर ब्रेक लग गया है। आरक्षण घोषित होने के बाद ग्राम पंचायतों में नए-नए चेहरे सामने निकल कर आने लगे हैं। नए आरक्षण ने जहां कुछ लोगों के चेहरे पर रौनक पैदा कर दी है, वहीं तमाम लोगों के चेहरे फीके हो गए। - बीडीसी में भी हुआ है काफी बदलाव-

ऐसा नहीं है कि न्यायालय के आदेश के बाद जारी किए गए आरक्षण का बदलाव सिर्फ ग्राम प्रधान पद पर दिखाई दे रहा हो। क्षेत्र पंचायत सदस्य के आरक्षण पर भी काफी बदलाव हुआ है। जिले में 813 क्षेत्र पंचायत सदस्य के वार्ड हैं। जिनमें 30 से 40 फीसद तक का बदलाव हुआ है। - वर्जन

शासनादेश के अनुसार ही पहले आरक्षण घोषित किया गया था और अब भी शासनादेश के अनुसार ही आरक्षण घोषित किया गया है। पूर्व के और अब के मानक अलग थे। जिससे पंचायत स्तर पर आरक्षण में बदलाव हुआ है।

प्रीतम सिंह, डीपीआरओ अब शुरू हुआ आपत्तियों का दौर-

रविवार सुबह आरक्षण घोषित किया गया। अब घोषित आरक्षण पर आपत्तियां ली जा रही हैं। लोगों ने ब्लाक और जिला पंचायत कार्यालय पर आपत्ति भी दर्ज कराना शुरू कर दिया। जिम्मेदारों ने बताया कि आपत्ति 23 मार्च को शाम पांच बजे तक ली जाएंगी। इसके बाद 24 और 25 मार्च को दावे और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। 26 मार्च को अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी।


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