एटीएम में ताले, कैश के पड़ रहे लाले
जलेसर (एटा): यूं तो सभी बैंक बीते पखवाड़े से पहले से नकदी की समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन तीन दिन के अवकाश के कारण एटीेम खाली हो गए हैं, जिससे खाताधारकों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही है।
जागरण संवाददाता, जलेसर (एटा): यूं तो सभी बैंक बीते पखवाड़े से पहले से नकदी की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में तीन दिन के बैंक अवकाश ने लोगों के सामने परेशानी खड़ी कर दी है। सहालग व फसलों की कटाई के कारण लोगों में जहां नकदी की मांग बढ़ी है वहीं बैंक खाली हाने से एटीएम पर ताले लटक गए हैं।
सरकार द्वारा एटीएम में कैश उपलब्ध कराने के दावे बैंक अवकाश के पहले ही दिन हवा हो गए। तीन दिनी बैंक अवकाश के पहले ही दिन जलेसर में एटीएम जवाब दे गए। कुछ एटीएम पर 'कैश नहीं है' के बोर्ड लगे, दिखे जबकि अधिकांश के ताले ही नहीं खोले गए। बीते एक पखवाड़े से नगर के बैंकों में नकदी संकट की स्थिति बनी हुई है। ग्राहक बैंक में एक लाख का चेक लेकर जाता है तो नकदी की कमी के चलते बैंक उनसे कम धनराशि निकालने की प्रार्थना कर रही थीं। ऐसे में जबरदस्त सहालग के बीच तीन दिन का बैंक अवकाश लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। विभिन्न बैंकों द्वारा कस्बे में लगाए गए आधा दर्जन से अधिक एटीएम शनिवार को या तो खाली थे या बंद पड़े थे। लोग दिन भर हाथ में कार्ड लेकर कभी इस एटीएम तो कभी उस एटीएम के लिए दौड़ते नजर आए। किंतु एक भी एटीएम पर कैश नहीं मिला।
व्यापारी-किसान परेशान
नकदी संकट से न सिर्फ शादी-ब्याह वाले परिवार के लोग ही परेशान हैं बल्कि सबसे अधिक परेशानी तो व्यापारियों को है जिन्होंने सहालग के चलते लाखों रुपयों के माल का स्टॉक कर लिया है ¨कतु बाजार में नकदी के अभाव में लोग खरीदारी से कतरा रहे हैं। वहीं किसानों को भी मंडी में अपनी फसल की बिक्री का पैसा नहीं मिल पा रहा। जबकि कटाई के लिए नकदी की जरूरत पड़ रही है।
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बाजार से सामान खरीदने को सुबह से सभी एटीएम में चक्कर लगाए, किंतु कहीं भी एटीएम में नकदी न होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
- अतुल शर्मा
रिश्तेदारी में शादी है, वहां जाने के लिए पैसों की सख्त जरूरत है। किसी भी एटीएम में पैसा नहीं है। अब अपना ही पैसा हम जरूरत पर प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं।
- प्रवेश कुमार
दिनभर सभी एटीएम में घूमने के बाद भी पैसा नहीं मिल पा रहा। किसी भी एटीएम में पैसा ही नहीं है। खेतों में मजदूर काम कर रहें है लेकिन बिन पैसा कैसे काम हो।
- तरुण गौतम