कोरोना से मुक्ति को लीलाशाह महाराज से प्रार्थना
लीलाशाह महाराज की 141वीं जयंती सादगी से मनाई गई कोरोना के कारण नहीं निकाली गई संकीर्तन यात्रा।
संवाद सहयोगी, मथुरा: सिधी समुदाय के मार्गदर्शक आध्यात्मिक गुरु स्वामी लीलाशाह महाराज की 141वीं जयंती सादगी से मनाई गई। कोरोना संक्रमण के कारण संकीर्तन यात्रा नहीं निकाली गई। कोरोना से मुक्ति को महाराज से प्रार्थना की गई।
बहादुरपुरा स्थित स्वामी लीलाशाह सिधी धर्मशाला में स्वामी लीलाशाह की छवि के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर पूजा-अर्चना की गई। पंडित मोहनलाल महाराज ने आरती कराई। पंचायत अध्यक्ष नारायणदास लखवानी ने स्वामी लीलाशाह महाराज के प्रेरक प्रसंग सुनाए और उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। मुख्य संयोजक रामचंद्र खत्री ने कहा कि स्वामी लीलाशाह वेद, विद्या, सनातन धर्म के उच्च ज्ञाता थे। उपाध्यक्ष तुलसीदास गंगवानी ने बताया कि स्वामीजी ने समाज को आध्यात्मिक संदेश दिया। समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर किया। मीडिया प्रभारी किशोर इसरानी ने कहा कि स्वामी लीलाशाह समाज के निर्बल वर्ग की पीड़ा से आहत रहते थे। उन्होंने निर्धन विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री, आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई। धर्मशाला, गोशाला, पाठशाला, सत्संग भवन का निर्माण कराया। बसंत मंगलानी, जीवतराम चंदानी, गुरुमुखदास गंगवानी, झामनदास नाथानी, किशोर इसरानी, जितेंद्र लालवानी, लीलाराम लखवानी, दौलतराम, एलआर खत्री, सुरेश मनसुखानी, हरीश चावला, पुरुषोत्तम भाटिया, भगवानदास मौजूद रहे।
शादी, पार्टियों में तय हुई संख्या ने फिर बढ़ाई मुश्किल:
संस, वृंदावन: शादियों का सीजन शुरू होने वाला है और कोरोना वायरस का संक्रमण भी फैल रहा है। अब फिर से शादियों में सरकार ने सौ लोगों की ही मौजूदगी तय की है। ऐसे में लोग मुश्किल में हैं। निर्धारित संख्या से कहीं अधिक निमंत्रण कार्ड बांट चुके हैं। एक माह से कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। बीते वर्ष कोरोनाकाल में शादियों में मेहमानों की संख्या सीमित की थी, इसका सीधा असर टेंट व गेस्ट हाउस कारोबारियों पर पड़ा था। इस बार शादी समारोह से उम्मीद थी, लेकिन फिर कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने लगा है। अतिथियों की सीमित संख्या के बीच नाइट कर्फ्यू की सुगबुगाहट तेज हो गई है। शादी समारोहों में टेंट कारोबार हो या बैंड, हलवाई से लेकर फूल डेकोरेटर और टैक्सी संचालन से जुड़े हजारों लोगों के रोजगार पर इन आदेशों का असर पड़ना तय है।