चिकित्सक व संसाधनों का अभाव, संक्रमण का कैसे हो इलाज
हाल ए सीएचसी ग्रामीण क्षेत्रों में दौड़ रही संक्रमण की दूसरी लहर बन रही घातक तीसरी लहर की सुनकर सहमे हुए हैं ग्रामीण
जासं, मथुरा: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब शहर से लेकर गांव की पगडंडी तक अपना कहर बरपा रही है। इतना ही नहीं जिम्मेदार अगस्त के बाद कभी भी तीसरी लहर आने को लेकर आशंका व्यक्त कर रहे हैं। जिससे आम आदमी सहमा हुआ है। जिम्मेदार सीएचसी के माध्यम से ग्रामीणों को तीसरी लहर से बचाव करने का दावा कर रहे हैं। लेकिन संक्रमण काल में भी सीएचसी पर साफ-सफाई का अभाव देखने को मिल रहा है। जिले के अधिकांश सीएचसी पर संसाधनों का अभाव है। यहां मैनपावर से लेकर जांच करने तक की मशीन नहीं है। ग्रामीणों को एक्सरा कराने तक के लिए जिला अस्पताल आना पड़ता है। सीएचसी पर प्रसव हो जाता है, लेकिन यहां बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है। भवन तो बने हुए हैं, लेकिन पीने के पानी तक का संकट है। ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किस तरह हो पाएगा। इसको लेकर संशय है। दैनिक जागरण की टीम ने बलदेव और गोवर्धन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की पड़ताल की। पेश है रिपोर्ट..। स्टोर में रखे बेड, डेंटल चेयर भी खराब
महावन: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलदेव बिजली और पानी की समस्या से जूझ रहा है। यहां आने वाले मरीजों के लिए बेड तो हैं, लेकिन वह स्टोर में रखे हुए है। सीएचसी पर बेड के लिए पर्याप्त स्थान तक नहीं है। इतना ही नहीं यहां डेंटल चेयर तक खराब पड़ी हुई है। ऐसे में मरीजों को संक्रमण से इलाज मिल पाना मुश्किल है।
सीएचसी बलदेव पर मरीजों को पीने के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। जल निगम ने ओवर हेड टैंक का निर्माण तो किया था, लेकिन अब वह जर्जर हो चुका है। सीएचसी पर बिजली भी आठ से दस घंटे मिल पा रही है। जनरेटर के लिए जो बजट मिलता है, वह पर्याप्त नहीं है। जिससे मरीजों को रात के समय में दिक्कत हो जाती है। कहने के लिए 30 बेड की व्यवस्था है, लेकिन मौके पर 23 बेड ही हैं। सात बेड के लिए पर्याप्त स्थान न होने की वजह से स्टोर रूम में रखे हुए हैं। सीएचसी पर डेंटल चेयर तक खराब पड़ी हुई है। यहां मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।
बलदेव सीएचसी एक नजर में :-
पद का नाम-स्वीकृत पद- रिक्त पद
चिकित्सक -07-04
स्टाफ नर्स-04-01
वार्ड ब्याय-02-01
सफाईकर्मी - 04-02 विशेषज्ञों का अभाव, एक्सरा मशीन खराब
गोवर्धन: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अपनी खुद की लाचारी की बीमारी से ग्रसित है। जबकि यहां देश के साथ विदेश के हजारों श्रद्धालुओं का आना जाना बना रहता है। फिर भी यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।
दर्जनों गांव के लोग स्वास्थ्य लाभ लेने गोवर्धन आते हैं, लेकिन इलाज के नाम पर उनको मायूसी ही मिलती है। सीएचसी पर एनआरएचएम की गाइड लाइन के अनुसार अस्पताल में पांच विशेषज्ञ, दो डाक्टर, एक प्रभारी की तैनाती होनी चाहिए। लेकिन यहां प्रभारी सहित सिर्फ दो चिकित्सक तैनात हैं। यहां प्रसव भी स्टाफ नर्स के भरोसे हो रहे हैं। सीएचसी पर हड्डी रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ व एनेस्थेटिक की सख्त जरूरत है। दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को एक्सरे के लिए भी जिला चिकित्सालय भेजा जाता है। सफाईकर्मी भी एक ही है। संक्रमण काल में अगर उसकी तबीयत खराब हो जाती है तो सफाई के भी लाले पड़ जाते हैं। सीएचसी प्रभारी का कहना है कि संसाधन पर्याप्त हो जाए तो यहां 50 मरीजों की संख्या बढ़ जाएगी। आम दिनों में भी यहां 150 मरीजों का इलाज होता है। गोवर्धन सीएचसी एक नजर में :-
पद का नाम- स्वीकृत पद- रिक्त पद
चिकित्सक-08-05
स्टाफ नर्स - 08- 00
वार्ड ब्याय - 02- 00 सभी सीएचसी पर व्यवस्थाओं को चाक चौबंद किया जा रहा है। जहां जो भी कमी हैं, उनको प्राथमिकता पर दूर किए जाने को कार्य चल रहा है। स्टोर के बजाए बेड वार्ड में रहे। इसके लिए व्यवस्था कराई जाएगी। संसाधनों में भी जो कमियां है, उन्हें दूर कराने के लिए शासन को अवगत करा दिया गया है।
डा. रचना गुप्ता, सीएमओ