Move to Jagran APP

ठाड़ी रह ग्वालिन, दै जा हमारौ दान

माखन चोर ने फोड़ी सखियों की मटकी, लीला देखने बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 12:13 AM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 12:13 AM (IST)
ठाड़ी रह ग्वालिन, दै जा हमारौ दान
ठाड़ी रह ग्वालिन, दै जा हमारौ दान

संवाद सूत्र, बरसाना: बरसाना स्थित सांकरी खोर में शनिवार को द्वापरकालीन मटकी फोड़ लीला की। लीला मंचन में नंदलाल ने राधारानी की सखियों से दही का दान मांगा, लेकिन सखियों के मनाही करने पर उन्हें दही से भरी मटकी फोड़नी पड़ी। लीला दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

loksabha election banner

चिकसौली की चित्रा सखी अपनी सखियों के संग दूध-दही बेचने के लिए निकली तो रास्ते में श्रीकृष्ण ने गोपियों से कहा कि ठाड़ी रहै ग्वालिन दै जा हमारौ दान, यही दान के कारन छोड़ आयौ बैकुंठ सौ धाम। इसके जवाब में सखियों ने उलाहना देते हुए कहा-लाला, दूध-दही नाय तेरे बाप कौ और यह गली भी नाय तेरे बाप की, छाछ हमारी वो पीवै, जो टहल करै सब दिन की। इस तरह के पद सुनकर श्रद्धालु आनंद से भाव विभोर होते रहे।

छीनाझपटी में राधा और उनकी सखियों की मटकी फूट गई। मटकी फूटते ही हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालु दही का प्रसाद के लिए टूट पड़े। इससे पूर्व राधा पर्वत व कृष्ण पर्वत पर बैठे नंदगांव व बरसाने के लोगों के मध्य प्रेम व रसभरी गालियों का आदान-प्रदान हुआ। मान्यता है कि कृष्ण की यह लीला दूध, दही बेचने की कुप्रथा को रोकने के लिए की गई थी। मटकी फोड़ लीला के मंचन के दौरान गुर्जर समुदाय की महिलाओं व पुरुषों के मध्य भी हंसी-ठिठौली के संवाद बोले गए, जिससे पूरा माहौल लीलामय हो गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.