कीठम से पहले जोधपुर झाल पहुंचे फ्लेमिगो
संवाद सहयोगी मथुरा वन्य जीव सप्ताह के तहत वर्ल्ड एनिमल डे पर बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलप
संवाद सहयोगी, मथुरा: वन्य जीव सप्ताह के तहत वर्ल्ड एनिमल डे पर बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसायटी की ओर से जोधपुर झाल पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में गांव जोधपुर, कीठम, पिपरोठ, कोह, बबरौद और बस्तई गांव के दयाल सिंह, तारन सिंह, मुनेश चौहान, जगन्नाथ, श्याम सुंदर, देवेंद्र शर्मा, प्रेम शर्मा, प्रमेंद्र शर्मा, गणेश कुमार, विजय कुमार, धर्मेंद्र कर्दम ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। पक्षी विशेषज्ञ डा. केपी सिंह ने बताया कि फ्लेमिगो की दो प्रजाति ग्रेटर व लेशर ने जोधपुर झाल पर डेरा डाल लिया है। झाल पर प्रवासी पक्षियों की प्रजाति सहित करीब 125 पक्षियों की प्रजातियां हैं। कीठम झील और भरतपुर के केवलादेव नेशनल पार्क से पहले इन फ्लेमिगों का पहुंचना बड़ी उपलब्धि है। इसका मुख्य कारण है लाकडाउन के दौरान पर्यावरण में सुधार और झाल का संरक्षण। इसके बाद सभी को झाल के भ्रमण के दौरान फ्लेमिगो, पिनटेल, कामन कूट, कांब डक, स्पून विल्ड डक, लेशर विशलिग डक और नार्दन शोवलर जैसे जलीय पक्षियों का दीदार कराया गया। उन्होंने कहा कि जोधपुर झाल का अध्ययन व संरक्षण तीन वर्षों से सोसायटी के सदस्यों द्वारा किया जा रहा है। वन्यजीवों के संरक्षण के लिए जंगल, वेटलैंड, हेविटाट, प्राकृतिक जल स्त्रोतों का संरक्षण जरूरी है जो स्थानीय लोगों की जागरूकता और सहयोग के बिना संभव नहीं है। अब इन पक्षियों की क्रीड़ा निहारने के लिए यहां पक्षी प्रेमी और फोटोग्राफर भी पहुंच रहे हैं। इसमें डा. देवाशीष भट्टाचार्य, डा. धीरेंद्र सिंह, डा. पुष्पेंद्र विमल, डा. शिवम, शिल्पी विमल, नरेश, राखी चाहर, शिवेंद्र, सुदर्शन, नवीन और तरुण चौधरी मौजूद रहे।