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पाइपलाइन डाली नहीं, बढ़ा दिया जलकर

जागरण संवाददाता, मथुरा: नटवर नगर और बुद्ध विहार मथुरा नगर के वार्ड 46 का हिस्सा हैं। करीब 16 हजार की

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 11:30 PM (IST)Updated: Mon, 16 Apr 2018 11:30 PM (IST)
पाइपलाइन डाली नहीं, बढ़ा दिया जलकर
पाइपलाइन डाली नहीं, बढ़ा दिया जलकर

जागरण संवाददाता, मथुरा: नटवर नगर और बुद्ध विहार मथुरा नगर के वार्ड 46 का हिस्सा हैं। करीब 16 हजार की आबादी वाली इन दोनों बस्तियों में नगर निगम की पेयजल पाइप लाइन नहीं है। इसलिए यहां के लोग अपने स्तर से पेयजल की व्यवस्था कर रहे हैं। वार्ड 51 के नगला शिवजी और चंद्रभान नगला में पेयजल ओवरहैंड टंकी से मिल सकता है, पर यह खराब पड़ी है। पाइप लाइन जगह-जगह लीकेज है। वार्ड 61 के धौली प्याऊ क्षेत्र में नगर निगम की बो¨रग एक नहीं, तीन-तीन हैं, लेकिन तीनों के जल स्त्रोत सूख चुके हैं। यहां रिक्शों में बोतल लेकर आने वाले घर-घर पेयजल पहुंचा रहे हैं।

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धौली प्याऊ से लेकर नटवर नगर और चंद्रपुरी तक तीन वार्ड बदल जाते हैं। नगर निगम ने इस बार कर निर्धारण में जलकर बढ़ाया है, लेकिन पाइप लाइन अभी तक नहीं पहुंची है। जनता को बिना पेयजल जलकर देना पड़ेगा। वार्ड 46 की आबादी 37 हजार के आसपास है। यहां नटवर नगर, नगला भोलानाथ, मोतीकुंज एक्सटेंशन, चंदन वन फेज-2, बुद्ध विहार आदि कॉलोनियां आती हैं। यहां मोतीकुंज एक्सटेंशन और चंदन वन फेज-2 में तो पानी की टंकी भी है और पेयजल व्यवस्था भी है, लेकिन नटवर नगर और बुद्ध विहार में पेयजल पाइप लाइन ही नहीं है। आसपास लगी सबमर्सिबल से पेयजल की व्यवस्था कर लेते हैं, अन्यथा ज्यादातर घरों में खरीद कर ही मीठा पानी लिया जा रहा है। इस क्षेत्र में पानी का धंधा करने वाले खूब मुनाफा कमा रहे हैं। वे आरओ पानी की कीमत पर बो¨रग का पानी बेच रहे हैं।

वार्ड 51 की आबादी 20 हजार के करीब है। यहां चंद्रपुरी, सूर्य नगर, शिवपुरी, इंद्रप्रस्थ कालोनी, प्रहलाद नगर, प्रिया नगर, जाट हाउस, नगला शिवजी, चंद्रभान नगला, पन्ना पोखर, औद्योगिक क्षेत्र आदि भी आता है। यहां नगला शिवजी और चंद्रभान नगला में टंकी का पानी पहुंच सकता है, पर यह खराब पड़ी है। भूमिगत लाइन भी जगह-जगह से लीकेज है, जिसकी वजह से सप्लाई नहीं मिल पा रही। वार्ड में जो भी हैंडपंप लगे हैं, वे सभी खराब पड़े हैं। कॉलोनियों में सबमर्सिबल के सहारे उनका किसी तरह काम चल रहा है।

वार्ड 61 में धौलीप्याऊ क्षेत्र की करीब 10 गलियां आती हैं। यहां धौली प्याऊ तिराहा, नारायणपुरी और शांति कन्या इंटर कॉलेज में तीन पुरानी बो¨रग थी, जो काफी पहले ही खराब हो चुकी हैं। इनका जल स्त्रोत सूखने के बाद नगर निगम के जलकल विभाग ने इनकी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है। इस वार्ड को दो नलकूपों से पानी अवश्य मिल रहा है, लेकिन यहां बैराज के पानी की भी सप्लाई नहीं है। इस वार्ड में हैंडपंप नहीं है। पूर्व पालिका के समय जो आधा दर्जन सबमर्सिबल लगे थे, वे भी खराब हो चुके हैं। जलकल इनकी मरम्मत तक नहीं करा रहा।

यहां भीम नगर, नगला भोलानाथ और हनुमान नगर में पेयजल लाइन भी नहीं है। इसलिए दो नलकूपों का फायदा यहां की आबादी को नहीं मिल पा रहा। कई जगह तो लोगों ने मेन लाइन से कनेक्शन ले रखे हैं, जिसकी वजह से सभी लोगों को पेयजल सप्लाई नहीं मिल पा रही।

हमारे यहां कुछ बस्तियों में हालत ज्यादा खराब है। नगर निगम को पाइप लाइन बिछाने से लेकर हैंडपंप और नलकूप लगाने तक की डिमांड की हुई है, पर अभी तक निगम प्रशासन ने कोई योजना नहीं बनाई है। गरमी में पेयजल संकट ज्यादा हो गया है।

विनोद भारद्वाज, पार्षद, वार्ड-46 मिश्रित आबादी वाले इस वार्ड में हालत कुछ ज्यादा ही खराब है। लाइन लीकेज कई जगह ठीक कराई है, पर अभी भी दिक्कत पूरी तरह दूर नहीं हुई है। क्षेत्र के पेयजल संकट को दूर करने के लिए 40 हैंडपंप और कुछ नलकूप मांगे हैं।

विष्णु चौधरी, पार्षद, वार्ड 51 खराब सबमर्सिबल की मरम्मत जलकल विभाग सत्ताधारी पार्षदों के वार्डों में तो करा रहा है, जबकि उनके यहां यह काम सोसायटी के ऊपर डालकर अपना पल्ला झाड़ा जा रहा है। बैराज की भी सप्लाई नहीं है। लोग पेयजल के लिए दो नलकूपों पर निर्भर है और यह भी पर्याप्त नहीं मिल रही।

उमेश भारद्वाज, पार्षद, वार्ड-61


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