बलदेव में आइटीआइ, सौंख की बैंक से निकाली छात्रवृत्ति
- खाता खोलने के बारे में छात्रों को नहीं दी गई जानकारी बैंक प्रबंधक और शिक्षण संस्थान संचालकों की मिलीभगत से हुआ छात्रवृत्ति घोटाला
जागरण संवाददाता, मथुरा: निजी आइटीआइ में हुए 23 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाला में समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ बैंक प्रबंधक भी बराबर के हिस्सेदार हैं। इनकी मदद से शिक्षण संस्थान संचालकों ने छात्रों के खाता तक खुलवा दिए। इतना ही नहीं सरकार की ओर से पहुंची धनराशि भी विद्यालय प्रबंधक ने गुपचुप तरीके से खाते से निकाल ली। इसको लेकर छात्रों ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को शिकायत भी दर्ज कराई गई थी, लेकिन छात्रों की कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हुई। जब मामला खुला, तो छात्रों की उम्मीद एक बार फिर जाग गई। अब एक बार फिर छात्रों ने साक्ष्यों के साथ समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय को शिकायत दर्ज कराई है। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह 11 निजी आइटीआइ में 23 करोड़ रुपये का घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें जिला समाज कल्याण अधिकारी तथा तीन कर्मचारी निलंबित हुए हैं।
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- कार्यालय से लगा है ताला :: जिला समाज कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति कक्ष में ताला लगा है। प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर गुप्ता का कहना है कि स्टाफ न होने की वजह से ताला नहीं खोला गया है। कुछ दस्तावेज लखनऊ से मांगे गए हैं, क्योंकि निजी आइटीआइ का रिकार्ड कंप्यूटर के अलावा किस अलमारी में कहां रखा है। ये जानने के लिए स्टाफ की जरूरत है। इसलिए शासन को कर्मचारियों की तैनात कराए जाने की मांग की है। स्टाफ आने के बाद ही छात्रवृत्ति कक्ष का ताला खोला जाएगा। - अपनी-अपनी छात्रवृत्ति चेक कर रहे छात्र :: जिस दिन से छात्रवृत्ति घोटाला उजागर हुआ है। तब से निजी आइटीआइ में पंजीकृत छात्र-छात्राओं ने अपनी-अपनी छात्रवृत्ति को लेकर जानकारी जुटना शुरू कर दिया है। कोई अपना खाता चेक कर रहा है तो कोई समाज कल्याण कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज करा रहा है। केस 1-थाना बलदेव क्षेत्र के गांव किलौनी निवासी अजय ने बताया कि उसने बलदेव के एक निजी आइटीआइ की इलेक्ट्रीशियन ब्रांच में प्रवेश लिया था। उसको फीस के अभाव में परीक्षा तक नहीं देने दी गई। इसकी वजह से दूसरी वर्ष में प्रवेश तक नहीं लिया। लेकिन मुझे जानकारी हुई कि कालेज संचालक ने मेरी दोनों वर्ष की छात्रवृत्ति बैंक प्रबंधक से मिलकर हड़प ली है। पड़ताल करने पर मालूम चला कि कालेज संचालक ने सौंख की एक बैंक शाखा प्रबंधक से मिलीभगत कर छात्रवृत्ति निकाल ली। केस 2-
थाना बलदेव के गांव किलौनी निवासी अजीत सिंह ने बताया कि मैंने बलदेव के एक निजी आइटीआइ में प्रवेश लिया। चार सेमेस्टर की फीस जमा की। परीक्षा भी दी। लेकिन जब छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया। तब मुझे जानकारी हुई कि शिक्षण संस्थान ने सौंख बैंक की एक शाखा से मेरी दोनों वर्ष की छात्रवृत्ति हड़प कर ली है। मुझे इसके बारे में जानकारी तक नहीं हो पाई है। इसको लेकर कई बार शिकायत भी की, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो पाई।