सिचाई को मिल रहा न तालाब भरने को पानी
निचली मांट ब्रांच में 216 और लोअर आगरा केनाल को मिल रहा 141 क्यूसिक पानी
जागरण संवाददाता, मथुरा: खेतों का पलेवा कर जायद फसलों की बुवाई के लिए किसानों को सिचाई करने को पानी नहीं मिल पा रहा है। तालाबों को भरने के लिए भी पानी नहीं मिल पा रहा है। पानी न मिलने से आगरा, हाथरस, भरतपुर और किसान भी परेशान हैं।
निचली मांट ब्रांच खंड गंगा नहर से मथुरा और हाथरस के किसानों को सिचाई को पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसके साथ ही मथुरा और आगरा की पेयजल सप्लाई के लिए 265 क्यूसिक पानी यमुना में हरनौल एस्केप के जरिए दिया जा रहा है। निचली मांट ब्रांच खंड गंगा नहर में शुक्रवार को 216 क्यूसिक पानी उपलब्ध था। इसी पानी को पेयजल के लिए दिया जा रहा है। सिंचाई के लिए किसानों को एक बूंद पानी नहीं मिल पा रहा है। अधिशासी अभियंता निचली मांट ब्रांच खंड गंगा नहर ने कार्यालय से मांट शाखा के शीर्ष पर 1250 क्यूसिक पानी की उपलब्ध कराने मांग अधीक्षण अभियंता गंगा से की है। आगरा, मथुरा और भरतपुर के लिए आगरा नहर आगरा से पानी उपलब्ध कराया जाता है। ओखला बैराज से आगरा नहर आगरा के 11 मील पर शुक्रवार को 2570 क्यूसिक पानी उपलब्ध कराया गया। 216 क्यूसिक पानी हरियाणा की नहरों को दिया जा जा रहा है। छाता तहसील के नंदगांव, सहार, बुखरारी, शेरगढ़ और कोसी रजबहा को 1195 क्यूसिक पानी दिया जा रहा है। लोअर खंड में 141 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है। इसलिए तहसील गोवर्धन और सदर तहसील के आगरा आगरा कैनाल आगरा के कमांड एरिया के किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है। आगरा और भरतपुर के किसानों को भी पानी मिल पा रहा है। सींच के लिए पानी न होने के कारण तालाबों को भी नहीं भरा जा रहा है। नहरों से 244 तालाब भरे जाते हैं। तालाबों में पानी की कमी है। इसलिए पशुओं के लिए भी पानी की किल्लत होने लगी है। सिचाई विभाग के नोडल अधिकारी बचन सिंह ने बताया, लोअर खंड में हाल ही में पानी छोड़ा गया था। अब अपर खंड को पानी दिया जा रहा है।