ऊंचागांव में धूमधाम से मना दाऊजी का प्राकट्योत्सव
संवाद सूत्र बरसाना (मथुरा) अटा आटोर पर्वत की कंदराओं में स्थित अकबर कालीन दाऊजी मंदिर म
संवाद सूत्र, बरसाना (मथुरा): अटा आटोर पर्वत की कंदराओं में स्थित अकबर कालीन दाऊजी मंदिर में शुक्रवार को कृष्णावतार से पूर्व शेषावतार दाऊजी महाराज का 576वां प्राकट्योत्सव धूमधाम से मना। दाऊजी महाराज के जयकारों से ऊंचागांव गूंज उठा।
बरसाना से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित राधारानी की प्रधान सखी ललिताजी के गांव ऊंचागांव में शेषावतार बलदाऊ जी का 576वां प्राकट्योत्सव मना। मंदिर सेवायत उपेंद्र नारायण भट्ट, दिलीप महाराज, सूसठ महाराज, रोहित भट्ट, लोनी महाराज ने मंदिर के गर्भगृह में वेद ऋचाओं के सस्वर पाठ व पंचामृत से अभिषेक किया। दाऊजी महाराज की प्रतिमा को मंदिर के बाहर चौक में विराजमान कर घंटे घड़ियालों की धुन पर पंचामृत से अभिषेक कराया गया। दाऊजी महाराज व रेवती माता की प्रतिमा का श्रंगार कर उन्हें फूल बंगला में विराजमान किया गया। मंदिर सेवायतों ने दाऊजी महाराज को भांग सहित छप्पनभोग लगाया। ब्रजाचार्य पीठ के प्रवक्ता घनश्यामराज भट्ट, ललिता पीठ के पीठाधीश्वर कृष्णचंद तैलंग, दिनेश भट्ट, गोपाल सखी, रोहित भट्ट, हरिओम गोस्वामी मौजूद रहे।
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साढ़े पांच सौ वर्ष पहले नारायण भट्ट ने किया था प्राकट्य
बरसाना: आज से करीब साढ़े पांच सौ वर्ष पहले श्रील नारायण भट्ट ने दाऊजी व रेवती माता के श्रीविग्रह को हींस के वृक्ष के नीचे से प्राकट्य किया था। तभी श्रील नारायण भट्ट की प्रेरणा से अकबर के राजस्व मंत्री टोडरमल ने दाऊजी महाराज के लिए मंदिर का निर्माण कराया था। ब्रजाचार्य पीठ के प्रवक्ता घनश्यामराज भट्ट ने बताया कि ऊंचागांव ही श्रील नारायण भट्ट की तपस्थली थी। यहीं उन्होंने समाधि भी ली। दाऊजी महाराज की प्रेरणा से ही उन्होंने विग्रहों का प्राकट्य किया था।