दमकेगा स्वर्ण श्रंगार तो मुस्कुराएंगे पर्वतराज
मुड़िया पूर्णिमा मेला में स्वर्ण श्रंगार धारण कर पुष्प महल में विराजेंगे गिरिराजजी
संसू, गोवर्धन(मथुरा): पांच दिवसीय मुड़िया पूर्णिमा मेला ब्रजभूमि में खुशियों की सौगात लेकर आता है तो गिरिराज धाम की छटा भी अद्वितीय होगी। गिरिराज जी भी जवाहरात और स्वर्ण आभूषणों का श्रृंगार धारण करेंगे।
गोवर्धन में विश्व प्रसिद्ध मुड़िया पूर्णिमा मेला का आयोजन 10 से 14 जुलाई तक हो रहा है। इस दौरान आस्था का ज्वार इस कदर छाएगा कि सात कोसीय परिक्रमा मार्ग पर अटूट मानव श्रृंखला बनी रहेगी। दानघाटी मंदिर और मानसीगंगा के किनारे स्थापित गिरिराज प्रभु का मुकुट मुखारविद मंदिर मुड़िया पूर्णिमा आस्था का मुख्य केंद्र रहेगा। सेवायतों ने आयोजन का खाका खींचकर पांचों दिन अलग-अलग श्रृंगार की व्यवस्था की है। सेवायत संजय शर्मा बताते हैं कि पांच दिवसीय मेला में इस बार प्रभु का दिव्य श्रृंगार किया जाएगा। प्रभु के मस्तक पर कस्तूरी तिलक और थोड़ी पर लाल हीरा सुशोभित होगा। प्रभु की पोशाक माणिक मोती आदि से सुसज्जित होगी। विष्णु भगवान ने बताया कि सुबह की बेला में प्रभु का पंचामृत अभिषेक होगा तथा शाम की बेला में विभिन्न प्रजातियों के सुगंधित पुष्प श्रृंगार का सौंदर्य बढ़ाएंगे। रिसीवर उमाकांत चतुर्वेदी ने बताया कि मंदिर तक पहुंचने वाले रास्तों पर लगभग एक किलोमीटर के दायरे में रोशनी के पहरेदार अंधेरे को समीप नहीं फटकने देंगे। समूचे मंदिर परिसर में झिलमिलाती रोशनी मेला की भव्यता का गुणगान करेगी। प्रभु का ये दिव्य श्रृंगार दीपावली, जन्माष्टमी, गोवर्धन पूजा जैसे विशेष अवसरों पर ही धारण कराया जाता है। प्रभु को रोजाना विभिन्न तरह का प्रसाद समर्पित किया जाएगा तथा परिक्रमार्थियों को रोजाना प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई है। जगमग होगी मानसीगंगा
मंदिर के समीप बने घाटों पर भी विशेष रोशनी के प्रबंध किए गए हैं। रंग-बिरंगी रोशनी कुंड की लहरों में प्रतिबिबित होकर मनमोहक ²श्य का सृजन करेगी। मानसी गंगा में लगे फव्वारे इस रोशनी में चार चांद लगाएंगे।