Move to Jagran APP

पोशाक प्लांट खुलें तो विदेशों तक पहुंचेगी इसकी चमक

आधुनिकता के दौर में लगे पोशाक प्लांट तो स्वदेशी को मिलेगा बढ़ावा विदेशों तक जाती है ब्रज की पोशाक

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 12:08 AM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 06:03 AM (IST)
पोशाक प्लांट खुलें तो विदेशों तक पहुंचेगी इसकी चमक
पोशाक प्लांट खुलें तो विदेशों तक पहुंचेगी इसकी चमक

संवाद सहयोगी, मथुरा : श्रृंगार में परिधान का विशेष महत्व है। यदि बात ठाकुरजी की हो तो महत्व कई गुना बढ़ जाता है। ठाकुर जी की पोशाक की बात हो तो फिर मथुरा का नाम खुद ही जुबां पर आ जाता है। ठाकुर जी की पोशाक देश ही नहीं विदेश में भी अपनी आभा बिखेर रही है। इस देसी कारोबार को और बढ़ाया जाए, तो निश्चित ही इसकी धाक बढ़ेगी।

loksabha election banner

देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं तो वह ठाकुर जी की पोशाक और श्रृंगार का सामान भी साथ ले जाते हैं। एक समय था जब पूरे विश्व में मथुरा-वृंदावन की पोशाक की चमक थी। भारी मात्रा में पोशाक बनाने का काम घरों में भी किया जाता है। ये पूरी तरह से स्वदेशी उत्पाद है, लेकिन समय के साथ पोशाक की चमक फीकी पड़ने लगी। मथुरा में तकनीक के अभाव में ये उद्योग सूरत व कोलकाता में पनपने लगा है। इससे यहां के कारोबारी और कारीगरों पर संकट आ गया। पोशाक उद्योग में गिरावट आने लगी। पोशाक कारोबारी कहते हैं कि मथुरा में पोशाक का कोई प्लांट नहीं है, जबकि सूरत, दिल्ली और कोलकाता में बड़े-बड़े कारखाने लग गए। इसलिए वहां वैरायटी अधिक बनने लगीं। पोशाक उद्योग में गिरावट का कारण

सरकार द्वारा लगातार सेल व आयकर टैक्स में बढ़ोतरी होने से कई व्यापारियों ने इस उद्योग से मुंह मोड़ लिया। पहले सभी वैरायटी की पोशाक बनाने का काम केवल मथुरा में ही होता था, लेकिन अब काफी वैरायटी सूरत, कोलकाता, दिल्ली और आगरा में बनने से यहां के व्यापारी और कारीगरों पर इसका प्रभाव पड़ा। पहले जरदोजी का काम मथुरा में ज्यादा होता था, लेकिन वह काम भी कम हुआ तो मजदूरों के हाथ खाली हो गए। एक नजर

तीन साल पहले का हाल

-तीन हजार कारीगर

-125 व्यापारी

-पोशाक उद्योग से लगभग 50 करोड़ का सालाना कारोबार अब

- दो हजार कारीगर

- 115 व्यापारी

- पोशाक उद्योग से लगभग 35 करोड़ का सालाना कारोबार बोले पोशाक कारोबारी

-ये एक कुटीर उद्योग है। सरकार को इसे बढ़ावा देने के लिए पोशाक पर लगने वाले टैक्स को हटा देना चाहिए। वहीं इसके लिए मिलने वाले ऋण में भी सब्सिडी का प्रावधान होना चाहिए।

-पुरुषोत्तम मिश्रा, कारोबारी पोशाक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार को इसे ऑनलाइन व ई-व्यापार से जोड़ना चाहिए। ऑनलाइन के जरिए लोग इसे अधिक पसंद करेंगे। जिससे इस उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

-आयुष गोयल, कारोबारी पहले लोग कारखानों में काम करते थे, मगर अब घरों से ही करना पसंद करते हैं। पोशाक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आधुनिकता के दौर में सरकार को प्लांट लगाने चाहिए।

-मनीष कुमार अग्रवाल, कारोबारी एक तो पहले से ही व्यापार में गिरावट थी। लॉकडाउन में यह पूरी तरह ठप हो चुका है। ऐसे में यदि सरकार इसके लिए भी कोई आर्थिक सहायता प्रदान करे तो इसे पंख लग सकते हैं।

सतीश रस्तोगी, कारोबारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.