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अनलाक के चार महीने बाद भी पटरी पर नहीं आया होटल व्यवसाय

कोरोना के चलते कृष्ण नगरी का होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया जो अनलाक के चार माह बाद भी पटरी पर नहीं लौट सका है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 05:22 AM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 05:22 AM (IST)
अनलाक के चार महीने बाद भी पटरी पर नहीं आया होटल व्यवसाय
अनलाक के चार महीने बाद भी पटरी पर नहीं आया होटल व्यवसाय

संवाद सहयोगी, मथुरा : धार्मिक नगरी होने के साथ ही मथुरा एक पर्यटक स्थल भी है। देश ही नहीं विदेशों से भी कान्हा के भक्तिरस में सराबोर भक्त यहां आते हैं। कान्हा की जन्मस्थली के बाद भक्त वृंदावन स्थित बांके बिहारीजी के दर्शन को पहुंचते हैं। दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं पर ही यहां का होटल व्यवसाय निर्भर रहता है। मगर कोरोना के चलते कृष्ण नगरी का होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया, जो अनलाक के चार माह बाद भी पटरी पर नहीं लौट सका है।

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किसी भी स्थान ही अर्थव्यवस्था वहां के पर्यटन पर निर्भर करती है। पर्यटकों की आवक से ही होटलों में रौनक रहती है। जिले में करीब तीन हजार से अधिक होटल व रेस्टोरेंट हैं। कान्हा की नगरी में रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु होटलों में रुकते हैं। मगर, कोरोना के चलते पूर्ण लाकडाउन होने से मंदिर सहित सब कुछ बंद हो गया। लाकडाउन के दौरान करोड़ों का नुकसान तो हुआ ही, अनलाक में भी व्यापार पटरी पर नहीं लौटा है। अब आगामी शादी सीजन से कुछ उम्मीदें हैं। अनलाक में मंदिर खुलने से होटल कारोबारियों की उम्मीदें जगने लगी। कोरोना को लेकर सरकार की गाइडलाइन का पालन कराने के लिए कई होटल व रेस्टोरेंट व्यवसायियों ने इंटीरियर में भी बदलाव करवा लिया। लेकिन, अब अनलाक के चार महीने बाद भी होटल व्यवसाय पटरी पर नहीं लौटा है। कोरोना के डर से होटलों में ठहरने वाले पर्यटकों की संख्या अभी बहुत कम है। शादी के सीजन के लिए भी होटल संचालकों ने मजबूरन काफी कम रेट में होटलों की बुकिग की है।

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ये बोले व्यवसायी..

--- धर्मनगरी में पर्यटक आने लगे हैं। अनलाक में भी होटल और टूरिज्म सेक्टर पटरी पर नहीं लौट सका है। लेकिन होटलों में ठहरने को लेकर श्रद्धालुओं में अभी भी कोरोना का डर है।

अमित जैन, एमडी, होटल शीतल रीजेंसी

--- कारोबार न होने के बाद भी मजबूरन टैक्स भरना पड़ रहा है। वहीं कर्मचारियों को भी वेतन का भुगतान किया जा रहा है। ऐसे समय में सरकार को होटल व्यवसायियों को विशेष छूट देकर मदद करनी चाहिए।

वैभव गर्ग, संचालक, हीरा इंविटेशन

--- कोरोना के डर से लोग अभी होटलों में ठहरना पसंद नहीं कर रहे। वहीं रेस्टोरेंटों की हालत भी खस्ता है। कोई समारोह या पार्टी का आयोजन न होने से होटल व्यवसाय पूरी तरह ठप है।

राहुल अग्रवाल, संचालक, द मिस्टिक पाल्म्स।

--- वृंदावन में बांके बिहारीजी का मंदिर खुलने के बाद श्रद्धालुओं की आवक बढ़ी है। लेकिन कोरोना के चलते लोग होटलों में ठहरकर वापस घर लौट रहे हैं। आगामी दिनों में व्यवसाय के सामान्य होने की उम्मीद है।

मधुर बंसल, निदेशक, कदंब रिसोर्ट


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