अस्पताल सरकारी, गरीबों की जेब पर भारी
1400 मरीज पहुंचते हैं जिला अस्पताल 11 जिले में हैं जन औषधि केंद्र 200 से अधिक तरह की जिला अस्पताल में हैं दवा
मथुरा: ये सरकारी अस्पताल है, लेकिन यहां मरीजों की जेब पर तो जैसे डाका डाला जा रहा है। दवा कंपनियों और चिकित्सकों की केमिस्ट्री ऐसी है कि अस्पताल में दवा होने के बाद भी डॉक्टर मरीजों को बाहर की दवा लिख रहे हैं। मरीज जन औषधि केंद्र से दवा खरीद लेता है तो न केवल उसकी दवा वापस कराई जा रही है बल्कि चिकित्सक लताड़ भी लगा रहे हैं। अस्पताल के सस्ते इलाज के फेर में फंसकर मरीज महंगी दवाएं खरीदने को मजबूर हैं।
सरकार ने अस्पतालों में सरकारी पर्चे पर बाहर की दवा लिखने पर रोक लगाई है, तो चिकित्सकों ने नया फंडा अख्तियार किया। सादी पर्ची पर कंपनियों की दवाएं बाहर से खरीदने को कहा जाता है। हाल ये है कि प्रतिदिन करीब 12 सौ मरीज अस्पताल में आते हैं। इनमें औसतन हर तीसरे मरीज बाहर की दवा लिखी जा रही है। ये हाल तब है जब अस्पताल में करीब दो सौ तरह की दवाएं मौजूद हैं। ये हो रहा है खेल कई बार ऐसा होता है कि मरीज पर्चे में लिखी दवा के साल्ट को देख जेनेरिक दवा खरीद लेते हैं। ऐसे में चिकित्सकों ने नया तरीका निकाला है। पर्चे में साल्ट न लिख सीधे दवा कंपनी का नाम लिख रहे हैं। जबकि औषधि केंद्र पर दवा साल्ट के नाम से मिलती है। जेनेरिक दवाएं सस्ती पड़ती हैं। मरीजों की बात
सस्ती दाव लेने के लिए जिला अस्पताल आया था, लेकिन यहां तो डॉक्टर ने सफेद पर्ची पर बाहर की दवा लिख दी, उस दवा की कीमत 65 रुपये है। जबकि मैंने अस्पताल से दवा दिलाने को कहा था, लेकिन डॉक्टर ने अनसुना कर दिया।
मनोज शर्मा, लाल दरवाजा ।
-बेटी को दिखाने आया था। डॉक्टर साहब ने एक इंजेक्शन बाहर से लेकर आने को लिखा था, जिसे लगवाने के लिए जिला अस्पताल आया हूं। अस्पताल बस कहने को सरकारी है, यहां तो चिकित्सक ज्यादातर बाहर की दवा ही लिखते हैं।
झमन सिंह, टाउनशिप
- कई दिनों से मेरे पेट में धीमे-धीमे दर्द हो रहा है, जिला अस्पताल दिखाने आया तो 150 रुपये की दवा बाहर से लिख दी। मैं इतने रुपये नहीं लेकर आया। अंदर दवा मिल नहीं रही है।
नरेश, सुभाष नगर।
-डॉक्टर ने जो दवा लिखी थी। वह जन औषधि केंद्र पर मिली नहीं है। बाहर से खरीदनी पड़ी है। बहुत महंगी दवा खरीदनी पड़ी है।
चंद्रशेखर, अंतापाड़ा।
क्या कहते हैं चिकित्सक
जिला अस्पताल का चिकित्सक बाहर की दवा लिख रहा है। इस तरह की मुझे कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। हमने एक माह पहले ही एक आदेश जारी कर दिया था कि कोई भी चिकित्सक बाहर की दवा नहीं लिखेगा। जिला अस्पताल में हर मर्ज की दो सौ से अधिक प्रकार की दवा है। अगर कोई शिकायत करता है, तो मामले की जांच कराई जाएगी।
डॉ. आरएस मौर्या, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक - जिला अस्पताल