उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को किया चिन्हित
सभी सीएचसी और पीएचसी पर आयोजित हुआ प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस चिकित्सकों ने सुरक्षित रहन-सहन और प्रसव के बताए तौर-तरीके
जागरण संवाददाता, मथुरा: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गुरुवार को जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं को चिन्हित कर उन्हें सुरक्षित रहन-सहन के तौर-तरीके बताए गए। अन्य गर्भवती महिलाओं को कोरोना काल में कैसे सुरक्षित रहें। इसकी जानकारी दी गई।
बुधवार को जिले में 23 सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आशा अपने-अपने गांवों से गर्भवती महिलाओं को एंबुलेंस एवं अन्य वाहनों से केंद्रों पर लेकर पहुंचीं। जहां उनकी जांच की गई। कुछ महिलाएं ऐसी मिलीं, जिनमें खून की कमी है या अन्य कोई संक्रमण है। इन महिलाओं को उन्हें प्रसव के दौरान कोई दिक्कत आ सकती है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सभी 23 केंद्रों पर एक हजार से ज्यादा महिलाओं ने अपनी जांच कराई।
सीएमओ डा. रचना गुप्ता ने बताया कि जिले के दो दर्जन स्वास्थ्य केंद्रों पर हुए स्वास्थ्य परीक्षण में गर्भवती महिलाओं को लगातार जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी तरह की परेशानी होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेने की सलाह दी गई। उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था क्या है-
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि उच्च जोखिम के कई कारण हो सकते हैं, जैसे गर्भावस्था के दौरान खून या अन्य पोषक तत्वों की कमी, हाईपरटेंशन, शुगर, एचआइवी, गर्भ में जुड़वा बच्चे होना, पिछला प्रसव सिजेरियन होना या गर्भपात होना, कम या ज्यादा उम्र में गर्भधारण होना आदि समस्या हो सकती है। अभियान का उद्देश्य जोखिम वाली महिलाओं को चेक कर सचेत किया जाए। उनके परिवारी जनों को बताया जाए यदि प्रसव हो और बच्चा पैदा होने में दिक्कत हो तो वह तत्काल सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें।