वर्ल्ड रिकॉर्डधारी बेटी की मां ने बनाया नेशनल रिकॉर्ड
शिक्षिका ऊषा के उपन्यास का शीर्षक राष्ट्रीय रिकार्ड के लिए चयनित, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड धारी हैं बेटी प्रेरणा
मथुरा, जासं: मेमोरी में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्डधारी प्रेरणा शर्मा की मां लेखिका ऊषा शर्मा के नाम भी एक राष्ट्रीय रिकार्ड बन गया है। उन्होंने यह रिकार्ड अपने नए उपन्यास के शीर्षक के माध्यम से बनाया है। इसको सबसे छोटा शीर्षक मानते हुए राष्ट्रीय रिकार्ड में दर्ज किया है। यह ऊषा शर्मा का तीसरा उपन्यास है।
एक स्त्री के अनसुलझे प्रश्नों की कहानी पर लिखे गए उपन्यास का शीर्षक केवल प्रश्नवाचक चिन्ह है। पुस्तक का यह शीर्षक लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के लिए सबसे छोटे शीर्षक की कैटेगरी में पंजीकृत किया गया है।
आर्मी स्कूल की शिक्षिका ऊषा की 125 पेजों की यह पुस्तक अक्टूबर में प्रकाशित हुई थी। अक्टूबर में ही इस पुस्तक के शीर्षक को नेशनल रिकॉर्ड के लिए भेजा गया था। शीर्षक केवल प्रश्नवाचक चिन्ह होने के कारण ग्लोबल रिकॉर्ड्स एंड रिसर्च फाउंडेशन ने नेशनल रिकॉर्ड में चयनित कर लिया। सौंख रोड पदमपुरी निवासी शिक्षिका ऊषा ने बताया कि इससे पूर्व भी वह तेरा फैसला मेरी ¨जदगी और कुछ रिश्ते ऐसे उपन्यास लिख चुकी हैं। अभी दो पुस्तक और लिख रही हैं।