गरीबी दूर होने से पहले बिखरे गोपी के सपने
स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री को नहीं मिल पा रहा मार्केट
जागरण संवाददाता, मथुरा: गरीबों को स्वरोजगार और आर्थिक मदद मुहैया कराने के लिए शुरू किए गए स्वयं सहायता समूह बिखर रहे हैं। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का सहयोग न मिलने के कारण उक्त समूह उद्देश्य की प्राप्ति नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा ही एक स्वयं सहायता समूह है सांसद के गोद लिए गांव रावल का गोपी। लाभ न होने के चलते अब यह समूह निष्क्रिय हो गया है।
सांसद हेमामालिनी ने आदर्श ग्राम विकास योजना में वर्ष 2015-16 में रावल गांव गोद लिया था। यहां गरीब परिवारों के आर्थिक सहयोग के लिए गोपी समूह का गठन किया। महिला हंसकौर को अध्यक्ष बनाया। खाद्य एवं प्रसंस्करण विभाग जवाहरबाग ने समूह की सदस्यों को विभिन्न अचार-मुरब्बा बनाने का प्रशिक्षण दिया। समूह की सदस्यों ने अचार मुरब्बा तैयार किया। बाजार से लेकर प्रदर्शनियों तक में गईं लेकिन कहीं कोई लाभ नहीं हुआ। अब यह समूह बिखर गया है। समूह में लक्ष्मी, श्यामोली, विमला यशोदा आदि सदस्य थीं। - उत्पाद की बिक्री को बाजार नहीं मिल पा रहा है। जिस संस्था को बिक्री के लिए दिलवाया, उसने भी कोई लाभांश नहीं दिया। इसलिए काम बंद करना पड़ा।
हंसकौर, अध्यक्ष गोपी समूह रावल - समूह के सामने उत्पादन की बिक्री की समस्या आ गई थी। इसलिए महिलाएं काम नहीं कर रही हैं। उनको फिर प्रोत्साहित करने के प्रयास किए जाएंगे।
विशन ¨सह, प्रभारी खाद्य एवं प्रसंस्करण