सृष्टि के रूप में प्रकट हुए परमात्मा
जागरण संवाददाता, वृंदावन: जब ईश्वर ने संकल्प लिया कि एक से अनेक हो जाऊं, तो सारी सृष्टि के रूप में प
जागरण संवाददाता, वृंदावन: जब ईश्वर ने संकल्प लिया कि एक से अनेक हो जाऊं, तो सारी सृष्टि के रूप में परमात्मा प्रकट हो गए। नृत्य करते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने स्वामी अखंडानंद को दर्शन दिए। यही कारण है कि उन्होंने नृत्यगोपाल भगवान के श्रीविग्रह की स्थापना आश्रम में की।
मोतीझील स्थित स्वामी अखंडानंद आश्रम में सोमवार को शुरू हुए पाटोत्सव में ये बात स्वामी परमेश्वरानंद सरस्वती ने कही। स्वामी गिरीशानंद, स्वामी मुक्तानंद पुरी ने कहा नृत्यगोपाल भगवान साक्षात युगल स्वरूप हैं। श्रद्धाभाव से आराधना उपासना करने से ईश्वर अनुग्रह की वर्षा कर रहे हैं। स्वामी अखंडानंद की उपासना ईष्ट साक्षात पर्यंत रही। वे भक्त और वेदांत दोनों ही थे। आश्रम के अध्यक्ष स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती ने कहा नृत्यगोपाल भगवान का विग्रह प्राण प्रतिष्ठा अक्षय तृतीया के दिन सम्पन्न हुई थी। देश के संत धर्म सम्राट स्वामी करपात्री, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निरंजनदेव तीर्थ, श्रीश्री मां आनंदमयी मां समेत अनेक संत मौजूद रहे। वहीं सोमवार को कार्यक्रम में कात्यायनी पीठाधीश्वर स्वामी विद्यानंद, महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद, पूर्णानंद सरस्वती, रामचेतन, स्वामी डॉ. गो¨वदानंद, दंडी स्वामी रामदेवानंद, दंडी स्वामी कैवलानंद, महंत फूलडोल बिहारी दास, आइएएस सदाकांत, जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र, पीतमानंद, राजेंद्र खेतान, राधाकृष्ण कनौडिया मौजूद रहे। संयोजक स्वामी महेशानंद सरस्वती ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन सेवानंद ब्रह्मचारी ने किया।