राजस्थान और उत्तर प्रदेश में फैला गैंग का नेटवर्क
एक अभ्यर्थियों से परीक्षा उत्तीर्ण कराने को लेते थे सवा से डेढ़ लाख रुपये तक गिरोह के सदस्यों का था अलग-अलग कार्य साल्वर को देते थे पचास हजार
जासं, मथुरा: शहर कोतवाली और थाना हाईवे पुलिस ने एसओजी के साथ मिलकर जिस साल्वर गैंग को दबोचा उसका नेटवर्क राजस्थान और उत्तर प्रदेश में फैला था। पहले भी गैंग कई परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के स्थान पर साल्वर बैठाकर परीक्षा करा चुका है। साल्वर बैठाने का गैंग अभ्यर्थियों से सवा से डेढ़ लाख रुपये वसूलता है। जयपुर में रहकर विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को लालच देकर गैंग अपने जाल में फंसाता था। उनको एक परीक्षा उत्तीर्ण कराने पर पचास हजार रुपये दिए जाते थे।
साल्वर गैंग के मास्टर माइंड विजय देव के लिए मांगे लाल और डोरी लाल ऐसे छात्रों को तलाशते थे, जो अपने स्थान पर साल्वर बैठाकर परीक्षा उत्तीर्ण करना चाहते थे। छात्र के राजी होने पर उसका प्रवेश पत्र लेकर लक्ष्मी नारायण और हनुमाना राम के जरिए विजयदेव तक पहुंचाते थे। विजय देव अभ्यर्थियों से टोकन मनी लेता था। शेष धनराशि परीक्षा उत्तीर्ण होने पर ली जाती थी। इस तरह पूरा नेटवर्क कार्य कर रहा था। एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने बताया, विजयदेव लक्ष्मी नारायण और हनुमाना राम को 70 हजार रुपये प्रति अभ्यर्थी देता था। लक्ष्मी नारायण और हनुमाना राम जयपुर में विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों से संपर्क करते थे। वे ऐसे छात्र देखते थे, जिनकी शक्ल मूल अभ्यर्थी से मिलती-जुलती हो या फिर जो खुद को मूल अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा कक्ष में कक्ष निरीक्षक के सामने साबित करने में सक्षम हो। प्रवेश पत्र पर विजय देव फोटो बदलने का काम करता था। विजय देव उन्हीं परीक्षाओं को टारगेट करता था, जिनके प्रवेश पत्र ब्लैक एंड व्हाइट और उनमें अभ्यर्थी के फोटो धुंधले निकलते हों।
ये भी आए प्रकाश में: पूछताछ में सचिन, मोनू, योगेश, योगेश मिठाई वाला और डा. महेंद्र के नाम भी प्रकाश में आए हैं। जो दबिश के दौरान भागने में सफल हो गए। सभी नौहझील और थाना मांट क्षेत्र के निवासी हैं। सीओ सिटी अभिषेक तिवारी ने बताया, इनके पते-ठिकानों की तस्दीक कराई जा रही है। ये भी साल्वर गैंग को छात्र तलाश कर देते थे।
सीसीटीवी में आ रहे नजर : जिन स्कूलों में साल्वर परीक्षा देने गए, उनके सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने हासिल कर लिए हैं। जिसमें साल्वर रमेश, प्रदीप, सुरेंद्र, गोविद और दिनेश आते-जाते दिखाई दे रहे हैं। सीओ सिटी ने बताया, और भी साल्वर हो सकते हैं। जो परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश करने में सफल नहीं हुए या हो गए हो। इसकी तहकीकात की जा रही है। जीजा-साले हैं : साल्वर गैंग के मास्टर माइंड विजय देव का लक्ष्मी नारायण साला है। लक्ष्मी नारायण थाना नौहझीहल क्षेत्र के गांव पालखेड़ा का निवासी है। लक्ष्मी नारायण ने थाना मांट और नौहझील क्षेत्र के अभ्यर्थियों को अपने जीजा तक पहुंचाता था। लक्ष्मी नारायण के नेटवर्क को भी पुलिस खंगाला रही है। आनलाइन हुआ लेनदेन: पुलिस ने आरोपितों के बैंक खाते का विवरण प्राप्त कर लिया। लक्ष्मी नारायण के बैंक खाते से धनराशि का लेनदेन होना पाया गया। गिरफ्तार किए आरोपितों के खातों में डेढ़ लाख रुपये का लेनदेन हुआ है। इनके बैंक खाते सीज कराए जा रहे हैं। एसएसपी ने बताया, नकदी और बैंक खातों में जमा धनराशि समेत कुल बरामदगी साढ़े तीन लाख रुपये की हुई है। ये गठित की थी टीम: सीओ सिटी अभिषेक तिवारी, थाना हाईवे प्रभारी निरीक्षक अनुज कुमार, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार सिंह, एसओजी प्रभारी धीरज गौतम, एसएसआइ सुरेंद्र कुमार भाटी, मंडी समिति चौकी प्रभारी रोहित कुमार, कृष्णा नगर पुलिस चौकी प्रभारी योगेश कुमार, बीएसए रोड पुलिस चौकी प्रभारी संदीप कुमार समेत 19 पुलिसकर्मियों की टीम बनाई गई थी।