सहूलियत को चले ई-रिक्शा, मुसीबत बन दौड़ रहे
ई-रिक्शा का संचालन तो सहूलियत के लिए शुरू हुआ था लेकिन ई-रिक्शा यहां मुसीबत बनकर दौड़ रहे हैं
संवाद सहयोगी, वृंदावन: ठाकुर बांकेबिहारी की नगरी में देश-दुनिया के श्रद्धालु आते हैं। लेकिन यहां ई-रिक्शा परदेसियों के सामने भी बदरंग तस्वीर पेश कर रहे हैं। ई-रिक्शा का संचालन तो सहूलियत के लिए शुरू हुआ था, लेकिन ई-रिक्शा यहां मुसीबत बनकर दौड़ रहे हैं। पंजीकरण कर इनके रूट भी तय कर दिए गए, फिर इनकी चाल रूट से हट गई। अब जाम का बड़ा कारण ई-रिक्शा चालकों की मनमानी बनती है।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर के नजदीक विद्यापीठ चौराहा, हरिनिकुंज चौराहा, वीआइपी रोड सुबह से शाम तक ई-रिक्शा का जाल बिछ जाता है। राहगीरों को रास्ता तय करने में दिक्कत होती है। हटने को कहते ही झगड़े पर उतारू हो जाते हैं ई-रिक्शा चालक। यही हाल इस्कान मंदिर और प्रेममंदिर के सामने का है। चौड़ी सड़क होने के बावजूद ई-रिक्शा चालकों की मनमानी से पूरे सड़क पर कब्जा रहता है। दूसरे वाहनों को निकलने के लिए जगह नहीं मिलती, हालात ये कि सुबह से शाम तक जाम रहता है। रंगजी मंदिर से लेकर नगर निगम चौराहा तक दर्जनों ई-रिक्शा चालकों का कब्जा चौड़ी सड़क पर देखा जा सकता है। शाहजी मंदिर से लेकर बनखंडी तक हालात इतने खराब हैं कि संकरे इलाके में इलाके में ई-रिक्शा निकालने के दौरान एक साइकिल निकालने की भी जगह नहीं बचती है। शहर में सवारियों के इंतजार में जाम लगाने के अलावा ओवरलोड और हाईस्पीड दौड़ते ई-रिक्शा कई बार पलटकर सवारियों को चोटिल भी कर देते हैं। कई रिक्शे नाबालिग चला रहे हैं। इन पर न तो पुलिस की ही नजर पड़ती है और न ही परिवहन विभाग कोई कार्रवाई करता है।
-ये रूट हुए थे तय
अप्रैल की पहली तारीख से आरटीओ और यातायात पुलिस ने ई-रिक्शा संचालन के लिए तय किए थे ये रूट
- छटीकरा से नंदनवन कट तक।
- प्रेम मंदिर तिराहे से हरिनिकुंज चौराहा तक।
- प्रेम मंदिर तिराहे से कालीदह मंदिर तक।
- सौ शैया अस्पताल से पापड़ी चौराहा तक।
- सौ शैया अस्पताल से केसीघाट तक।
- अटल्ला चुंगी चौराहा से रमणरेती चौकी तक।
- वृंदावन निकासी मार्ग गेट से चीरघाट तक।
- अटल्ला चुंगी चौराहा से रंगजी मंदिर तक। कुल 630 ई-रिक्शा के हुए पंजीकरण
यातायात पुलिस और परिवहन विभाग ने जब ई-रिक्शा चालकों का पंजीकरण शिविर लगाया। तब 630 ई-रिक्शा का पंजीकरण हो सका था। शहर में डेढ़ हजार से अधिक ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। श्रद्धालुओं को थोड़ी दूरी के लिए बीस से 25 रुपये देने पड़ रहे हैं। प्रशासन ने रूट तय किया, लेकिन किराया नहीं।