सीवर से गुजरती विद्युत केबिल से मकानों में आई दरार
मथुरा: विद्युत महकमे में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। बिजली चोरी रोकने के लिए डाली जा रही भूमिगत केबल सीवर के चैंबरों को फाड़कर डाली जा रही हैं। चैंबर का ढक्कन हटाने पर उसमें बिछे केबलों का जाल देखकर लगता है जैसे यह सीवर की नहीं विद्युत विभाग की लाइन हो। इन सीवरों से रिस रहा पानी अब घरों की नींव में प्रवेश कर उनमें दरार डालने लगा है। आधा दर्जन लोगों के मकान अब तक फट चुके हैं।
मथुरा: बिजली चोरी रोकने को डाली जा रही भूमिगत केबिल ने कुछ इलाकों में मुसीबत खड़ी कर दी। इन इलाकों में लाइन सीवर के चैंबरों को फाड़कर डाली जा रही हैं। चैंबर का ढक्कन हटाने पर उसमें बिछे केबिलों का जाल दिखाई देता है। सीवरों से रिस रहा पानी अब घरों की नींव में प्रवेश कर उनमें दरार डालने लगा है। इससे दर्जन लोगों के मकान फट चुके हैं।
शहर में इन दिनों भूमिगत केबल बिछाने का काम चल रहा है। ठेका राजस्थान की भामरी कंपनी को दिया गया है। कंपनी के इंजीनियर और ठेकेदार काम को जिस तरह से कर रहे हैं उससे भविष्य में शहर में बड़े हादसे की आशंका पैदा होने लगी है। भरतपुर गेट, होली गेट, चौबिया पाड़ा, स्वामी घाट, विश्राम घाट मनोहरपुरा, शीतला घाटी सहित अन्य स्थानों पर डाली जा रही केबिल सीवर चैंबर और नालियों से गुजर रही हैं।
भरतपुर गेट स्थित शंकर गली, ऊंट वाली गली में ऐसे नजारे देखने को मिल रहे हैं। यहां एक माह पूर्व केबिल सीवर और पानी की पाइप लाइनों को फाड़कर डाल दी गई हैं। इससे सीवर के चैंबर और लाइन में होल हो गए हैं। इससे महेश पुत्र भीकचंद, ताराचंद किशन और किशन लाल सहित आधा दर्जन लोगों के मकान में गहरी दरारें पड़ गई हैं। गहरी दरारें देख लोग भयभीत हैं कि पता नहीं कब मकान ढह जाए। -समस्या मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि सीवर में होकर केबिल डाली जा रही है तो उसे दिखवाकर समस्या का समाधान करवाया जाएगा।
इं. राघवेंद्र, अधिशासी अभियंता