'बीमार' पड़ा जिले का शिक्षा विभाग
मथुरा: जिले का शिक्षा विभाग इन दिनों अफसरों की कमी से जूझ रहा है।
जागरण संवाददाता, मथुरा: जिले का शिक्षा विभाग इन दिनों अफसरों की कमी से जूझ रहा है। बेसिक और माध्यमिक दोनों ही जगह या तो अफसर हैं नहीं और जो हैं उनके भी कई लंबे अवकाश पर चल रहे हैं। इससे विभाग के कई जरूरी काम लटके हुए हैं।
पंद्रह दिन से जिला विद्यालय निरीक्षक(डीआइओएस) अनिश्चितकालीन चिकित्सकीय अवकाश पर हैं। इससे नए शिक्षा सत्र के शुरू होने के साथ शासन के निर्देशों की जानकारी से जुड़ी प्रधानाचार्यों की बैठक अभी नहीं हो पाई है। विद्यालयों से जुड़ी समस्याओं और शिकायतों का निस्तारण करने वाला कोई सक्षम अधिकारी नहीं है।
प्रभारी अधिकारी के तौर पर राजकीय विद्यालय के प्रधानाचार्य बदल-बदल कर काम कर रहे हैं। इनके पास किसी प्रकार का निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। इस पर शिक्षक नेताओं ने नाराजगी जताई है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक संघ चेतनारायन के प्रांतीय मंत्री डॉ. दिनेश राणा, जिलाध्यक्ष जय प्रकाश शर्मा, मंडलीय मंत्री सुरेंद्र प्रताप ¨सह ने 15 दिन से जिला विद्यालय निरीक्षक में न बैठने पर ¨चता व्यक्त की है। इन दिनों में जिन-जिन विद्यालयों में प्रबंध संचालक नियुक्त हुए हैं उनके हस्ताक्षर प्रमाणित नहीं न होने के कारण उन विद्यालयों के वेतन बिल लंबित पड़े हैं। इसके अलावा कार्यालय में लंबित एरियर, बकाया वेतन भुगतान संबंधी समस्याओं के समाधान का जवाब नहीं दे पा रहे हैं। वेतन बिल बनने की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष अयोध्या प्रसाद अग्रवाल का कहना है कि प्रवेश संबंधी निर्देश, फीस का निर्धारण, नए सत्र से लागू होने वाले शैक्षिक पंचांग का विवरण की जानकारी न होने से विद्यालयों की अजीबो-गरीब स्थित बनी हुई है। पाठ्य पुस्तकों को लेकर अभी कोई गाइड लाइन नहीं दी गई है। बीएसए कार्यालय में बीइओ और डीसी चिकित्सीय अवकाश पर:
मथुरा: कुछ यही हाल बीएसए कार्यालय का भी है। यहां भी दो बीइओ यानी खंड शिक्षाधिकारी और एक जिला समन्वयक अनिश्चितकालीन चिकित्सीय अवकाश पर चल रहे हैं। पांच अप्रैल से अवकाश पर चल रहे गोवर्धन, मथुरा और फरह के खंड शिक्षा अधिकारी राकेश चौधरी दो दिन पहले ही अवकाश से लौटे हैं। वहीं दो बीइओ गिर्राज ¨सह और निशेष जार व जिला समंवयक परषोत्तम अग्रवाल अभी अवकाश पर हैं। दस ब्लाक और एक नगर क्षेत्र सहित 11 बीइओं की जगह पांच ही बीइओ विभाग के पास हैं, जिनमें से दो अवकाश पर हैं, जिसके कारण विद्यालयों का निरीक्षण नहीं हो पा रहा है। शिक्षक व विद्यालयों की शिकायत से जुड़ी जांचें भी अधर में हैं। फिलहाल काम का जिम्मा दो बीइओ विनोद कुमार और उमेश कुमार गौतम के कंधों पर है।